भारी बर्फबारी के कारण हिमाचल में 50 चरवाहे अभी भी लापता, एक की मौत
शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला कांगड़ा जिले के बड़ा भंगाल में करीब 50 चरवाहे अपनी भेड़ों के साथ बर्फ में फंसे हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने उन्हें रेस्क्यू करने के लिये प्रयास तेज कर दिए हैं लेकिन अभी भी उनके बारे में कोई पता नहीं चल पा रहा है। करीब दस दिनों से गद्दी समुदाय के यह चरवाहे अपनी भेड़ बकरियों सहित बर्फ में फंसे हैं लेकिन उनसे कोई संपर्क नहीं हो रहा है। आमतौर पर यह लोग सर्दियों में पहाड़ों से निकलकर मैदानी इलाकों में आ जाते हैं, लेकिन इस बार समय से पहले हुई बर्फबारी की वजह से यह रास्ते में ही फंस गये हैं। इस बीच एक चरवाहे की मौत भी हो चुकी है। साथ ही कुछ भेड़ बकरियां भी मरीं हैं।
हालांकि प्रशासन ने सर्च ऑपरेशन की दो टीमों का गठन किया है, लेकिन टीमें बर्फ के कारण फंसे भेड़ पालकों को ट्रेस नहीं कर पा रही हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि भेड़ पालकों के पास खाने का सामान खत्म हो सकता है और बर्फबारी में फंसे भेड़ पालकों के भूखे मरने की नौबत आ सकती है। ऐसे में अब उन्हें खाना फैंकने के लिए हेलीकॉप्टर ही एक मात्र सहारा है। इनकी तादाद 50 के आसपास बताई जा रही है।
कांगड़ा के जिलाधीश संदीप कुमार ने मुख्य सचिव से हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध करवाए जाने की गुहार लगाई है, ताकि बर्फबारी के चलते फंसे भेड़ पालकों को खाना फैंका जा सके। डीसी कांगड़ा संदीप कुमार ने मुख्य सचिव को एक मैसेज भेजा है। वहीं भारी बर्फबारी की वजह से रोहतांग पास बंद हो जाने से मनाली से लेह और लाहौल घाटी की ओर जाने वाले सैकड़ों वाहन बीच रास्ते में ही फंस गए थे। हालांकि बर्फ में फंसे लोगों को वायुसेना की सहायता से एयरलिफट कर लिया गया था।
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