जयराम ठाकुर के 5 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक रिकॉर्ड, 8 विधायक करोड़पति, जानें पूरा लेखा-जोखा
शिमला। हिमाचल प्रदेश में नई बनी जयराम ठाकुर सरकार में भी अपराधिक पृष्ठभूमि वाले मंत्री व विधायक हैं। हालांकि भाजपा बड़े जोर शोर से राजनिति में शुचिता की बात करती है। चुनावों के दौरान भी भाजपा के चुनाव प्रचार में प्रमुख मुद्दा राजनिति में अपराध व अपराधिक भूमिका वाले नेताओं को राजनिति से दूर रखने की बात होती रही लेकिन जब सरकार सत्ता में आई तो तस्वीर का कुछ और ही पहलू नजर आया।
इलेक्शन वॉच एंड द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रोटिक रिफॉर्म की रिपोर्ट
राजनेताओं पर नजर रखने वाली संस्था हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच एंड द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रोटिक रिफॉर्म की एक रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश में नई बनी जयराम ठाकुर सरकार के 12 में से पांच मंत्रियों के आपराधिक रिकॉर्ड हैं, वहीं आठ विधायक करोड़पति हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि औसतन प्रदेश के मंत्रियों के पास 7.17 करोड़ की संपति हैं जिनमें मंडी से चुनकर आए विधायक अनिल शर्मा 40.20 करोड़ की संपति के साथ सूची में सबसे आगे हैं।
ऊर्जा मंत्री सबसे अमीर
अनिल शर्मा को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। इसके बाद 5.38 करोड़ की संपत्ति के साथ पांच बार विधायक रह चुके धर्मपुर के विधायक सिंचाई मंत्री मोहिंदर सिंह और 7.99 करोड़ की संपत्ति के साथ धर्मशाला के विधायक परिवहन मंत्री कपूर का नंबर है।
जयराम ठाकुर की कुल संपत्ति 3.28 करोड़
प्रदेश के नए मुख्यमंत्री बने जयराम ठाकुर की कुल संपत्ति 3.28 करोड़ है। जय राम ठाकुर सिराज से चुनकर आए हैं जबकि शाहपुर से चुनकर असई कबीना मंत्री सरवीन चौधरी के पास 4.19 करोड़, कुटलैहड़ के विधायक एंव मंत्री वरिंदर कंवर के पास 3.38 करोड़, सुलह के विधायक मंत्री विपन सिंह परमार के पास 1.44 करोड़ और शिमला शहरी के विधायक शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज के पास 93.53 करोड़ की संपत्ति है।
सबसे कम बिक्रम ठाकुर की संपत्ति
वहीं, सबसे कम संपत्ति रखने वालों में जसवां-प्रागपुर के विधायक कंबिनेट मंत्री बिक्रम ठाकुर की संपत्ति 74 लाख, कसौली से चुनकर आए कबीना मंत्री राजीव सैजल की संपत्ति 77 लाख है और लाहौल-स्पीति से चुने गये विधायक कबीना मंत्री राम लाल मारकंडेय की संपत्ति 87 लाख है। शिक्षा के हिसाब से तीन मंत्री 12वीं पास हैं। आठ ग्रेजुएट हैं और एक के पास डॉक्टरेट है। वहीं उम्र की बात करें तो, 2 मंत्री 41-50 के आयु वर्ग में, 6 मंत्री 61-70 साल के आयु वर्ग में और 4 मंत्री 61-70 के आयु वर्ग में हैं। नई सरकार की कैबिनेट में बस एक महिला मंत्री हैं।
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