रशियन गर्ल हिमाचली छोरे को पहली नजर में दे बैठी दिल, लॉकडाउन के बीच ऐसे रचाई शादी
शिमला। 24 साल के जितेंद्र कुल्लू के कसोल में एक कैफे चलाते हैं। 35 साल की रूसी बाला लीडिया को पेंटिंग का शौक है। करीब साल पहले लीडिया जितेंद्र के कैफे में आई थीं। लीडिया को देखते ही जितेंद्र अपना दिल दे बैठे। बातें-मुलाकातें बढ़ीं और दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ने लगा। फिर शादी का फैसला किया। इसी बीच जितेंद्र के पिता का निधन हो गया और शादी टल गई। दूसरी बार लॉकडाउन की वजह से वह घर नहीं पहुंच पाए और लॉकडाउन उनकी राह में रोड़ा बन गया। आखिरकार प्यार को उसकी मंजिल मिल गई है। जितेंद्र और लीडिया सात जन्मों के लिए एक दूजे के हो गए।
शादी में बार-बार पैदा हुई अड़चन
कुल्लू के दुराह गांव के रहने वाले जितेंद्र रूस की रहने वाली लीडिया वोल्फ से शादी करना चाहते थे। दोनों नोएडा में एक साथ रह रहे थे। इस दौरान लॉकडाउन की वजह से वह दोनों वहां फंस गए थे। जनवरी से दोनों नोएडा में रह रहे थे। शादी का प्लान बनाया तो वापस अपने गांव आना था। जरूरी कागजात तैयार कर लिए थे। लीडिया ने भी रूस की सरकार से दूतावास के जरिए शादी की मंजूरी ले ली थी, लेकिन अवैध तरीके से एक ट्रक में शिमला पहुंचे और यहां शोघी बैरियर पर पकड़े गए। पुलिस ने इन्हें बाद में नोएडा वापस भेज दिया था। इससे पहले भी युवक के पिता की मौत की वजह से उनकी शादी टल गई थी।
एक दूजे के हुए जितेंद्र और लीडिया
जिंतेद्र और लीडिया ने आखिकार लंबी जद्दोजहद के बाद शादी कर ली है। दोनों ने बीते माह 29 मई को कोर्ट मैरिज की है। लॉकडाउन के बाद हालात सामान्य होने के बाद दोनों कुल्लू में धूमधाम से धार्मिक रिति-रिवाज से शादी करेंगे। प्रशासन से पास मिलने के बाद जितेंद्र और लीडिया शनिवार को अपने घर कुल्लू पहुंच गए हैं। जितेंद्र ने बताया कि उसने 29 मई को नोएडा में लीडिया के साथ शादी रचा ली है। दोनों ने कोर्ट मैरिज की है और अब कुल्लू पहुंच गए हैं। जितेंद्र के मुताबिक, तीन बार उन्होंने पास के लिए अप्लाई किया था, लेकिन तीनों बार पास रिजेक्ट हो गया। चौथी बार उन्हें डीसी कुल्लू से बात करने के बाद पास जारी किया गया है।
14 दिनों के लिए किया गया था क्वांरटाइन
जितेंद्र के भाई करतार ठाकुर बताते हैं कि छह मई को उनके भाई और भाभी कुल्लू के कसोल आना चाहते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में दाखिल होने के लिए पास की जानकारी न होने के कारण वापस जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि वह वाहन में परमाणु तक पहुंचे। चालक इन्हें गाड़ी के पीछे बैठाकर शाघी तक लाया। यहां नाके पर पुलिस ने इन्हें रोका और वापस नोएडा भेज दिया। इसके बाद दोनों वहां 28 दिन क्वारंटीन रहे। अब जिला प्रशासन कुल्लू से घर आने की अनुमति लेने के बाद शनिवार को दुराह पहुंचे। प्रशासन ने नित्थर में दोनों को 14 दिनों के लिए फिर से क्वांरटाइन किया गया था।
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