चेन्नई। राजमिस्त्री होने के बावजूद भी अनिल कुमार ने अपने एक साल के बेटे युवराज को लेकर बड़े-बड़े सपने देखे थे। अनिल को लगता था कि उसका बेटा जब बड़ा हो जाएगा तो दुख के दिन चले जाएंगे। वो उसे कामयाब इंसान बनाना चाहते हैं लेकिन युवराज की हालत देखकर ऐसा लग रहा है कि अनिल का यह सपना बस सपना ही रह जाएगा। युवराज को हृदय से संबंधित गंभीर बीमारी है। अनिल जब भी युवराज को तकलीफ में देखते हैं तो उनकी आंखें भर आती हैं। बेटे के इलाज के खर्च ने अनिल और उसकी पत्नी पूनम के रातों की नींद उड़ा दी है।
अनिल मूल रूप से बिहार के नवादा के रहने वाले हैं और पूनम गया की । परिवार का पेट पालने के लिए अनिल चेन्नई में राजमिस्त्री का काम करते हैं। युवराज के दिल की बीमारी के बारे में जब अनिल को पता चला तो उनके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई। पूनम गांव में रहकर बेहतर इलाज करा पाने में असहाय थी इसलिए अनिल युवराज को लेकर चेन्नई आ गए। यहां कई डॉक्टरों को दिखाया। अनिल ने युवराज को स्टेनली अस्पताल में दिखाया जहां उन्हें एमआईओटी अस्पताल में इलाज कराने के लिए कहा गया।
प्रवासी मजदूर होने के कारण अनिल को किसी भी तरह का सरकारी मदद नहीं मिल सकी। डॉक्टरों ने युवराज का Tetrology of Fallot, subclavian artery कराने की सलाह दी है। उसके दिल का ऑपरेशन (कार्डियक कैथीटेराइजेशन / सीटी एंजियोग्राफी) होना है। इसके लिए अनुमानित लागत 2 लाख 25 हजार रुपए है जिसमें सर्जरी, आईसीयू, और अस्पताल में भर्ती, जांच और दवाएं शामिल हैं। मजदूर पिता के पास अपने बेटे को बचाने के लिए और कोई रास्ता नहीं है। उन्हें आप सभी के आर्थिक सहयोग की जरूरत है। आपकी छोटी सी मदद इस मासूम की जान बचा सकती है। तो बेबस मां-बाप की मदद करिए।