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हाथरस गैंगरेप: पीड़िता की मां बोलीं- झूठ बोल रही है पुलिस, भाई ने भी कही ये बात

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हाथरस। यूपी के हाथरस जिले में हुए गैंगरेप कांड के खिलाफ, जहां पूरा देश में विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए पीड़िता को कई जगह चोट पहुंचाई, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। तो वहीं, अलीगढ़ के आईजी पीयूष मोर्डिया ने युवती से रेप की बात ही नकार दिया है। साथ ही युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी गई और उसकी जीभ भी काट दी गई थी। जैसी बातों को भी हाथरस पुलिस ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। कहा गया कि सोशल मीडिया पर भ्रामक खबरें फैलाई जा रही हैं।

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Hathras Gang Rape Case: पीड़िता की मां ने Police पर लगाया झूठ बोलने का आरोप | वनइंडिया हिंदी
Hathras physical attack case: victim mother said- police is lying

पुलिस बोल रही है झूठ
वहीं, दूसरी तरफ पीड़िता की मां का कहा कि 14 सितंबर को जब मैंने अपनी बेटी को देखा तो उसके शरीर से बहुत खून बह रहा था। मैंने उसे अपने दुपट्टे और उसी खून से लथपथ कपड़े से उसे ढंक दिया। बेटी की जीभ कटी हुई थी। उन्होंने उस बयान को भी खारिज कर दिया, जिसमें हाथरस पुलिस ने कहा था कि पीड़िता की जीभ नहीं कटी थी। पीड़िता की मां ने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है। पीड़िता की मां ने बताया कि हम बेहद असमंजस में थे और एकदम सदमे की स्थिति में थे। हमारी बेटी बेहोश थी। हमारी बेटी ने अपने भाइयों के कानों में से एक आरोपी का नाम लिया और बेहोश हो गई। हमने सोचा कि गांव के लड़के ने उसकी पिटाई की है।

पीड़िता के भाई ने कहा- पुलिसवाले बोल रहे थे...ये नाटक कर रही
पीड़िता के भाई ने कहा कि पुलिस ने दीदी के लिए एंबुलेंस भी नहीं मंगाई थी। बहन जमीन पर लेटी हुई थी। पुलिसवालों ने कह दिया था कि इन्हें यहां से ले जाओ। ये बहाने बनाकर लेटी हुई है। एफआईआर के लिए हमें 8-10 दिन तक इंतजार करना पड़ा था। रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पुलिस एक आरोपी को पकड़ती थी और दूसरे को छोड़ देती थी। धरना-प्रदर्शन के बाद आगे की कार्रवाई हुई और आरोपियों को घटना के 10-12 दिन बाद पकड़ा गया। पीड़िता की मौत के बाद मीडिया से बात करते हुए उनके भाई ने कहा कि उन्हें यूपी पुलिस की कार्रवाई पर भरोसा नहीं है।

परिजनों को नहीं सौंपा पीड़िता का शव, पुलिस ने कराया दिया अंतिम संस्कार
पुलिस ने अपनी मर्जी से हैवानियत की शिकार लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया। घरवाले गुहार लगाते रहे। वो भीख मांगते रहे कि 15 मिनट के लिए बेटी के आखिरी दर्शन कर लेने दिए जाएं, लेकिन पहले से ही आरोपों में घिरी पुलिस को ये कतई मंजूर नहीं हुआ। दरअसल, दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत के बाद पुलिस शव को लेकर हाथरस पहुंची। उस वक्त रात के 12 बजकर 45 मिनट हो रहे थे। एंबुलेंस के पहुंचते ही लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। नाराज ग्रामीण सड़क पर ही लेट गए। क्या महिला, क्या पुरूष हर किसी की पुलिसवालों से नोकझोंक होने लगी। एसपी-डीएम लड़की के बेबस पिता को अंतिम संस्कार के लिए समझाते रहे। घरवालों की तो बस इतनी सी इच्छा थी कि वो अपनी बेटी का रीति-रिवाज के साथ अंतिम संस्कार करें। परिजन शव को अपने घर लेकर जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस अपनी जिद से टस से मस नहीं हुई।

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English summary
Hathras physical attack case: victim mother said- police is lying
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