1 विधानसभा भवन वाले 2 राज्यों में फिर तनाव, हरियाणा बोला- हक दे पंजाब, 40 के बजाय हमारे पास है सिर्फ 27% हिस्सेदारी
चंडीगढ़. एक राजधानी वाले दो भारतीय राज्यों में फिर तनाव बढ़ गया है। हरियाणा सरकार ने पंजाब से मांग की है कि, पंजाब हमारा हक लौटा दे। विधानसभा भवन में 40 के बजाय हमारे पास है सिर्फ 27% की हिस्सेदारी है, जो अब हमें मंजूर नहीं है।'
इसी मुद्दे पर हरियाणा विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने पंजाब विधानसभा स्पीकर राणा केपी से मुलाकात की और उन्हें मांगपत्र भी सौंपा। माना जा रहा है कि अब जल्द ही बंटवारे में हुई हिस्सेदारी को लेकर दोनों विधानसभा के सचिव स्तर पर बैठक होगी।
इस
मुद्दे
पर
भी
भिड़े
हरियाणा-पंजाब
विधानसभा
भवन
के
मुद्दे
से
एक
दिन
ही
पहले
हरियाणा
के
मुख्यमंत्री
मनोहर
लाल
खट्टर
ने
पंजाब
को
नसीहत
दी
थी
कि
पंजाब
एसवाईएल
नहर
मामले
में
अदालत
के
फैसले
पर
अमल
करे।
उन्होंने
कहा
था
कि
पंजाब
सरकार
सतलुज
यमुना
सम्पर्क
(एसवाईएल)
नहर
मुद्दे
पर
हमारी
विनम्रता
को
अन्यथा
में
न
लें।
इस
मामले
में
जब
उच्चतम
न्यायालय
ने
फैसला
हरियाणा
के
हक
में
दिया
है
तो
पंजाब
इसे
माने।
यह
है
विधानसभा
भवन
पर
दोनों
के
बीच
लड़ाई
हरियाणा
विधानसभा
सचिवालय
द्वारा
गया
है
कि
पंजाब
विधानसभा
सचिवालय
की
ओर
से
हरियाणा
विधानसभा
के
20
कमरों
पर
अभी
तक
कब्जा
किया
हुआ
है।
संयुक्त
पंजाब
से
हरियाणा
अलग
बनने
के
वक्त
विधानसभा
भवन
का
60
फीसदी
हिस्सा
पंजाब
और
40
%
हिस्सा
हरियाणा
विधानसभा
के
लिए
निर्धारित
हुआ
था,
लेकिन
हरियाणा
को
अभी
तक
इसमें
27%
हिस्सा
ही
मिला
है।
बता
दें
कि,
हरियाणा
अलग
बनने
के
वक्त
17
अक्टूबर,
1966
को
विधानसभा
भवन
का
बंटवारा
हुआ
था।
पंजाब-हरियाणा
विधानसभा
का
कुल
क्षेत्र
66,430
स्क्वायर
फीट
है।