खुद के बनाए गए जाल में फंस गया महंत रामभज, बदले में मिली ऐसी दर्दनाक मौत
कैथल। हरियाणा के कैथल में महंत रामभज दास की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। कैथल के एसपी शशांक कुमार सावन ने बताया कि, सांघन गांव के महंत रामभज दास की हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। महंत रामभज ने एक अन्य मंदिर के महंत राघव दास शास्त्री की हत्या करवाने की सुपारी दी थी। इसके लिए उसने सोनीपत के हिस्ट्रीशीटर गैंग से 5 लाख रुपए में वारदात तय कराई। मगर, रामभज की एडवांस रकम पर सहमति नहीं बनी। ऐसे में बदमाशों ने रामभज को ही पीट-पीट कर मार डाला।
हरियाणा के महंत का मामला
एसपी शशांक कुमार सावन ने आगे बताया कि पुलिस ने मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्याकांड को सोनीपत और जींद के गिरोह ने अंजाम दिया था। पुलिस ने जींद के सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। लगभग सभी पर पहले ही कई मुकदमे दर्ज हैं। एसपी शशांक कुमार ने बताया कि महंत रामभज दास एक अन्य मंदिर के महंत राघव दास शास्त्री को मारना चाहता था। उसने इसके लिए पांच लाख रुपये में सोनीपत के हिस्ट्रीशीटर गैंग को सुपारी दी थी, लेकिन सुपारी के एडवांस पैसों को लेकर गैंग व रामभज दास में सहमति नहीं बन पाई।
जिनको सुपारी दी, उन्हीं ने उसे मारा
इस पर बदमाशोंं ने रामभज दास को पीट-पीट कर मार डाला। रामभज असल में शहर के प्राचीन हनुमान मंदिर पर कब्ज़ा करने की साजिश रच रहा था। रामभज दास बेलरखा (नरवाना) के अपने साथी कुलबीर की माध्यम से बदमाश अजय मेहरा और सोनीपत के गैंगस्टरों के संपर्क में था। प्राचीन हनुमान मंदिर के महंत राघव दास 92 वर्ष के हैं। रामभज दास ने उनकी हत्या की सुपारी पांच लाख रुपये में दी थी।
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मंदिर की 60-70 करोड़ की संपत्ति पर नजर थी
रामभज दास बदमाशों के संपर्क में रहता था। प्राचीन हनुमान मंदिर की 60-70 करोड़ रुपये की संपत्ति पर रामभज दास की नजर थी। रामभज दास ने कम आयु में ही श्रृंगी आश्रम की गद्दी संभाल ली थी। चकाचौंध ने उसका दिमाग खराब कर दिया था। गांव टटियाना के महंत छवि राम दास का नाम भी एफआइआर में शामिल था, लेकिन उनका मामले से कोई लेना-देना नहीं मिला। रामभज दास छविराम दास को अपना प्रतिद्वंद्वी मानता था। राघव दास के बाद गद्दी पर कहीं वह न बैठ जाए, इसी के संदेह में रास्ते से हटवाना चाह रहा था।
28 साल का था महंत रामभज दास
28 वर्षीय महंत रामभज दास को 24 जून की सायं बेलरखां गांव निवासी कुलबीर आश्रम से बुलाकर लेकर गया था। रामभज ने आश्रम से जाते समय सेवादारों से बताया था कि वह कैथल जूस पीने के लिए जा रहा है। वह जल्द ही वापस आ जाएगा, रात को करीब 11 बजे महंत पर हमले की सूचना ग्रामीणों को मिली। रामभज दास को सिविल अस्पताल कैथल में दाखिल कराया गया। जहां से उसे चंडीगढ़ पीजीआइ रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। मौत से पहले उसने बयान भी दिए थे।