हरियाणा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव: कांग्रेस-भाजपा में वाकयुद्ध, विज ने हुड्डा को कहीं ऐसी बातें
चंडीगढ़। हरियाणा में कांग्रेस आज भाजपा-जजपा गठबंधन वाली राज्य सरकार के खिलाफ "अविश्वास प्रस्ताव" लेकर आ रही है। इसे लेकर कांग्रेस-भाजपा नेताओं के बीच वाकयुद्ध चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भूपिंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि, मौजूदा हरियाणा सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है। उनका समर्थन करने वाले विधायक और निर्दलीय उम्मीदवार भी पीछे हट गए हैं।"
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कांग्रेस-भाजपा में वाकयुद्ध
हुड्डा
ने
कहा,
"हमने
पहले
ही
कहा
था
कांग्रेस
अविश्वास
प्रस्ताव
लाएगी।
इसे
बजट
सत्र
में
अब
प्रस्तुत
किया
जाएगा
और
मतदान
होगा..
फिर
देखना...कई
चेहरे
बेनकाब
हो
जाएंगे।
विपक्ष
का
काम
है
लोगों
की
आवाज़
उठाना।
हम
किसानों
की
आवाज
उठाते
रहे
हैं।
ये
सरकार
उनका
विश्वास
खो
चुकी
है।
हम
साबित
करेंगे।"
वहीं,
हुड्डा
के
बयान
पर
हरियाणा
के
गृह
एवं
स्वास्थ्य
मंत्री
अनिल
विज
ने
पलटवार
किया।
विज
बोले-
"पहले
भूपिंद्र
सिंह
हुड्डा
को
कांग्रेस
से
विश्वास
मत
हासिल
करना
चाहिए।
उनका
आपस
में
विश्वास
नहीं
है।
पहले
वो
अपना
विश्वास
मत
हासिल
करे
और
फिर
प्रजातंत्र
है..।
लाए
हमने
तो
स्वीकार
किया..आप
लाओ
विश्वास
मत,
विधानसभा
के
अंदर
चारों
खाने
चित
गिरेंगे।"
कांग्रेस-जजपा ने जारी किया व्हिप
सदन
में
सत्तापक्ष
और
विपक्ष
ने
अपना-अपना
दम
दिखाने
के
लिए
अपने-अपने
विधायकों
को
मौजूद
रहने
के
लिए
कहा
है।
पार्टियों
के
आलाकमान
ने
सभी
विधायकों
को
आज
सदन
में
उपस्थित
रहने
को
कहा
है।
राजनीतिज्ञ
की
नजर
में
वैसे
तो
गठबंधन
सरकार
मजबूत
स्थिति
में
है,
लेकिन
किसान
आंदोलन
को
लेकर
जिस
तरह
से
कांग्रेस
पार्टी
फोरम
में
आई
हुई
है
और
लगातार
निर्दलीय
विधायकों
से
संपर्क
में
है,
ऐसे
में
सदन
में
क्रॉस-वोटिंग
होने
के
भी
आसार
दिख
रहे
हैं।
कांग्रेस
विधायक
दल
के
नेता
भारत
भूषण
बत्रा
ने
अपनी
पार्टी
के
विधायकों
को
व्हिप
जारी
करते
हुए
सदन
में
उपस्थित
रहने
के
लिए
कहा
है।
कांग्रेस
द्वारा
विधायकों
से
कहा
जा
रहा
है
कि,
वे
"सरकार
के
खिलाफ
अविश्वास
प्रस्ताव"
का
समर्थन
करने
के
लिए
सदन
में
मौजूद
रहें।
हरियाणा: कांग्रेस 10 मार्च को सदन में ला रही अविश्वास प्रस्ताव, अपने विधायकों को दिया बुलावा
उधर, हरियाणा में सत्तासीन व भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भी अपने विधायकों को एकजुट रहने के लिए कहा है। जजपा आलाकमान द्वारा अपने विधायकों को कल सदन में उपस्थित होने और "अविश्वास प्रस्ताव" के खिलाफ सरकार के रुख का समर्थन करने के लिए कहा है। जजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि, कांग्रेस जो "अविश्वास प्रस्ताव" ला रही है, हमें उसके खिलाफ रहना है और अपनी सरकार का साथ देना है। इस प्रकार, इस भाजपा के सहयोगी दल जजपा ने भी अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है।
क्या कहते हैं सियासी समीकरण?
हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं और वर्तमान में उसमें 88 सदस्य (विधायक) हैं। उनमें से भाजपा के 40, जजपा के 10 और कांग्रेस के 30 सदस्य हैं। 7 निर्दलियों में से 5 सरकार के साथ हैं। इसके अलावा एक विधायक हरियाणा लोकहित पार्टी के हैं और वह भी सरकार के साथ हैं। हरियाणा की गठबंधन सरकार का दावा है कि उसके साथ 55 विधायक हैं और उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। मालूम हो कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष या विपक्ष में कुल 45 वोट होने चाहिए और 2 घंटे की चर्चा के बाद जो मतदान होगा और उसकी काउंटिग हेडकाउंट करके की जाएगी।
क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव?
अविश्वास प्रस्ताव या विश्वास मत एक व्यवस्था है, जिसके जरिए सरकारें ये साबित करती हैं कि उनके पास सत्ता में बने रहने के लिए पर्याप्त विधायकों या सांसदों के नंबर्स है। विश्वास मत सरकार खुद लाती है. अविश्वास प्रस्ताव विपक्षी पार्टियां लाती हैं। यह प्रस्ताव सदन में तब आता है जब विपक्ष को लगता है कि सरकार सदन का विश्वास या बहुमत खो चुकी है। ऐसा ही आज कांग्रेस को लग रहा है और इसी वजह से वो भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के लिए अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है।