निकिता मर्डर केस: तौसीफ ने कहा- 'मिर्जापुर' वेब सीरीज देखकर रची थी हत्या की साजिश
फरीदाबाद। निकिता तोमर हत्याकांड के तीनों आरोपियों को फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। वहीं, मुख्य आरोपी तौसीफ ने पुलिस पूछताछ में अपना गुनाह कबूल लिया है और हत्या के पीछे का मकसद भी बताया। इतना ही नहीं, तौसीफ ने बताया कि उसने निकिता का मारना का प्लान वेब सीरीज 'मिर्जापुर' देखने के बाद ही बनाया था। इस सीरीज में मुन्ना भैया (दिव्येंदु शर्मा) भी एकतरफा प्यार में एक लड़की स्वीटी (श्रेया पिलगांवकर) को गोली मार देता है, जिसके बाद उसकी मौत हो जाती है।

26 अक्टूबर की है घटना
फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ में 26 अक्टूबर को छात्रा निकिता तोमर को तौसीफ और रेहान ने उस वक्त अगवा करने की कोशिश की, जब वो बीकॉम का पेपर देकर लौट रही थी। वो निकिता को अगवा करने में सफल नहीं हो पाए तो तौसीफ ने निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी। घटना का वीडियो सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। जिसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने मुख्य आरोपी तौसीफ और उसके दोस्त रेहान को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से दोनों को दो दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया था।

'मिर्जापुर' वेब सीरीज देखकर बनाई थी हत्या की योजना
पुलिस गिरफ्त में आए तौसीक ने पूछताछ में बताया था कि वो (निकिता) किसी और से शादी करने वाली थी, इसलिए उसने उसे मार दिया था। इतना ही नहीं, उसने पुलिस को बताया कि निकिता मर्डर की योजना उसने 'मिर्जापुर' वेब सीरीज देखने के बाद बनाई थी। साथ ही आरोपी ने पुलिस को यह भी बताया कि उसकी छात्रा से 24 से 25 अक्टूबर की रात लंबी बातचीत हुई थी।

निकिता से शादी करना चाहता था तौसीफ
दरअसल, तौसीफ निकिता से शादी करना चाहता था। इसलिए वह कॉलेज के बाहर निकिता को ले जाने के लिए उसका इंतजार कर रहा था। जैसे ही निकिता कॉलेज से बाहर आई, तौसीफ उसे जबरन कार में बिठाने लगा। लेकिन निकिता ने इंकार करते हुए विरोध किया। जिसके बाद उसने निकिता की गोली मारकर हत्या कर दी।

फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा मुकदमा
वहीं, हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, ताकि रोजाना सुनवाई की जा सके और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके। इससे पहले निकिता के पिता ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने और केस का निपटारा किए जाने की मांग की थी। निकिता के पिता मीडिया से बात करते हुए कहा, '2018 में जो घटना हुई थी उस समय हमने एफआईआर करवाई थी और एक्शन भी लिया गया था। हमने लोक लाज और उनका पॉलिटिकल बैकग्राउंड देखकर केस वापिस ले लिया था। उनकी तरफ से आश्वासन भी मिला था कि कभी कोई परेशानी नहीं होगी। अब मुझे लगता है कि उस समय मैंने गलत किया।'

जांच के लिए SIT का गठन
इससे पहले गुरुवार को निकिता हत्याकांड की जांच करने के लिए एसआईटी (SIT) का गठन कर दिया गया था। पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने एसीपी क्राइम अनिल कुमार की अगुवाई में एसआईटी गठित है। एसीपी (क्राइम) अनिल कुमार एसआईटी के अध्यक्ष होंगे और इस टीम में 4 लोग शामिल किए गए हैं।