हरियाणा की पहली महिला कंडक्टर, सास के सहारे तीन बच्चों को छोड़कर काटती है टिकट
नई दिल्ली। महिलाओं के लिए घर-परिवार के साथ बाहर काम करना आसान नहीं होता है। घर के साथ-साथ दफ्तर के कामों में उलझ कर अक्सर महिलाएं काम छोड़ देती हैं, लेकिन हरियाणा, हिसार की रहने वाली निर्मला ने ऐसी महिलाओं के लिए मिसाल पेश की है। 3 बच्चों की मां निर्मला ने हरियाणा रोजवेज में टिकट परिचालक की नौकरी स्वीकार की और काम में जुट गई। पहली बार किसी महिला कंडक्टर को देखकर हौरान थे तो वहीं लोगों की नजरें निर्मला को भी असहज कर रही थी, लेकिन उसने बाकी बातों को छोड़कर अपने काम पर फोकस करना बेहतर समझा।
पहली महिला कंडक्टर
बीकॉम पास निर्मला जब बस में थैला लेकरपहुंची तो सब उसे देखकर हैरान थे। निर्मला के पति गांव में खेतीबाड़ी का काम करते हैं। रोडवेज बस में सिरसा से ऐलनाबाद के बीच रूट पर निर्मला की ड्यूटी लगाई गई है। निर्मला ने जब बस में टिकट काटनी शुरू की तो लोग उसे देखकर हैरान होने लगे। महिला कंडक्टर को देखकर जहां कुछ लोग हैरान हुए तो कुछ लोगों ने इसे अच्छा कदम बताया। लोगों ने कहा कि महिलाएं किसी से कम नहीं है।
दरअसल रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल होने पर चालक-परिचालक के बस स्टैंड में आवेदन जमा हो रहे थे। निर्मला ने अपने परिवारवालों की मर्जी से बस कंडक्टर की नौकरी चुनी। सास-ससुर ने भी निर्मला का साथ दिया और उसे नौकरी के लिए प्रोत्साहित किया है। वहीं भाजपा महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष निताशा राकेश सिहाग ने कहा कि निर्मला के बस कंडक्टर की नौकरी को चुनना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान की सफलता का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि निर्मला सभी महिलाओं के लिए मिसाल है, जो जीवन में आगे बढ़ना चाहती है।