नशे की लत में हरियाणा के पंजाब से भी ज्यादा बुरे हाल, NCRB रिपोर्ट में यह 5वां 'सबसे नशीला' राज्य
चंडीगढ़. नशे की लत के मामले में हरियाणा की हालत पंजाब से भी ज्यादा खराब है। यहां अवैध अथवा जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या देश में तीसरे नंबर पर है। इतना ही नहीं, ड्रग्स के लिहाज से भी यह देश का 5वां सबसे 'सबसे नशीला' राज्य है। वर्ष 2018 में ड्रग्स के कारण यहां 86 लोग मरे थे। यह खुलासा नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट से हुआ है। एनसीआरबी की ताजा रिपोर्ट गुरुवार को जारी हुई।
पंजाब की हालत सुधरी, हरियाणा की बिगड़ी
हालिया रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा नकली शराब के मामले में काफी आगे है। यहां से राजस्थान, गुजरात और यूपी में भी अवैध शराब पहुंचाई जाती रही है। अकेले वर्ष 2018 में नकली शराब के सेवन के चलते हरियाणा में 162 मौतें दर्ज हुईं। यह आंकड़ा देश के सर्वाधिक आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश से भी ज्यादा रहा। यूपी में ऐसे महज 78 केस ही दर्ज किए गए। एक अन्य चौंकाने वाली बात यह भी सामने आई है कि, अब से पहले तक जो पंजाब नशे की लत के कारण चर्चित था, वो भी हरियाणा से पीछे छूट गया। शराब के कारण पंजाब में हरियाणा से कम कुल 159 मौतें ही दर्ज हुईं।
यूपी-राजस्थान और गुजरात तक जाती है यहां से शराब
शराब के अलावा ड्रग्स से हुई मौतों के मामले में भी हरियाणा पंजाब से आगे रहा। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018 के दौरान ड्रग्स से देश के 29 राज्यों में कुल 864 लोगों की जान गई। जिनमें 709 पुरुष थे और 155 महिलाएं। हरियाणा में 86 लोगों की मौत हुई। जबकि, पंजाब 78 मौतों के साथ हरियाणा से एक स्थान नीचे रहा। हरियाणा-पंजाब के अलावा राजस्थान 153 मौतों के साथ देश में पहले नंबर पर रहा। फिर, मध्य प्रदेश (94 मौतें), कर्नाटक (91 मौतें) एवं उत्तर प्रदेश (88 मौतें) हैं।
ड्रग्स के सर्वाधिक मामले सिरसा में सामने आए
हरियाणा में नशीली दवाओं के दुरुपयोग के ज्यादातर मामले सीमावर्ती जिलों में सामने आते हैं। यहां विशेष रूप से सिरसा में, जिसकी सीमा राजस्थान और पंजाब के साथ मिलती है, में समस्या गंभीर है। सिरसा जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, वर्ष 2014 के दौरान 1,405 ड्रग एडिक्ट इलाज के लिए आए थे। फिर, 2018 में यह संख्या बढ़कर 18,551 हो गई थी। यह भी पता चला है कि, शुरुआत में 25-30 वर्ष की आयु के लोग थे, लेकिन अब 15-20 साल के युवाओं की संख्या ज्यादा है।