कृषि विधेयकों पर बोले CM खट्टर- किसान चाहें तो फसल खरीद MSP पर ही होगी, कृषि अदालतें बनेंगी
चंडीगढ़। हरियाणा में किसानों के साथ चल रही कलह के बीच सूबे के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान आए हैं। खट्टर ने कहा है कि, हमारी सरकार केंद्र के कृषि विधेयकों को फॉलो तो करेगी, लेकिन यदि किसानों को दिक्कतें आती हैं तो जरूरी प्रावधान भी करेंगे। किसानों के लिए हम आसान नीतियां बनाएंगे। कृषि अदालतें खोली जाएंगी।
कोरोना का इलाज कराकर लौटे मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, ''किसानों को यह समझने की भी जरूरत है कि कृषि आधारित लाए गए कृषि विधेयकों के पारित होने के उपरांत, एमएसपी से ज्यादा दाम मिले तो किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकेंगे। हां, यदि कृषि विधेयकों के कारण किसानों को दिक्कत आती हैं तो राज्य सरकार इसमें विशेष प्रावधान करेगी।'
Recommended Video
खट्टर ने कहा कि, ''विधेयकों का विरोध कर रहे मुट्ठी भर नेताओं खासकर कांग्रेस ने किसानों को भड़काने का काम किया है। जब कि हम किसानों करे आश्वस्त कर रहे हैं कि फसल हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी जाएगी। यदि किसानों को उनकी फसल के एमएसपी से ज्यादा दाम मिलते हैं तो वह कहीं भी फसल बेचने के लिए फ्री हैं।'
कोरोना से मुक्त हो घर लौटे CM खट्टर, बोले- इस महामारी से हमें डरना नहीं, सतर्क रहना है
कांग्रेस को चेतावनी देते हुए खट्टर आगे बोले कि, ''सरकार किसी तरह के नाजायज दबाव में नहीं आने वाली। यदि आढ़तिए या किसान को किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो केंद्र सरकार के कानून में अतिरिक्त प्रावधान करने का अधिकार हमारे पास है। ऐसे में चिंता नहीं करनी चाहिए। कानून की सीमा में रहते हुए हम आढ़तियों व किसानों के हित में फैसले लेने को तैयार हैं। साथ ही यह भी कह दे रहे हें कि, किसी के व्यापार और किसानों की आय पर आंच नहीं आने दी जाएगी।'
दूसरे
राज्यों
के
किसानों
की
फसलें
नहीं
बिकने
देंगे
मुख्यमंत्री
कार्यालय
के
अफसरों
के
साथ
आॅनलाइन
वार्ता
में
खट्टर
ने
कांग्रेस
व
भाकियू
नेताओं
के
तमाम
सवालों
का
जवाब
दिया।
वहीं,
खट्टर
ने
ऐलान
किया
कि
'हरियाणा
की
मंडियों
में
दूसरे
राज्य
की
फसल
खासकर
मक्का
और
बाजरा
नहीं
बिकने
दिया
जाएगा।
हमें
अपने
यहां
के
किसानों
की
मक्का
व
बाजरे
की
फसल
खरीद
को
ही
प्राथमिकता
देनी
है।'
बकौल खट्टर, ''एक और खास बात यह है कि, किसानों के कृषि संबंधी विवादों के निपटान के लिए हर जिले में कृषि अदालतें खुलवाई जाएंगी। इन अदालतों में योग्य अधिकारी तैनात किए जाएंगे, ताकि किसानों से जुड़े मामले तेजी से निपट सकें।'