किसानों को दाल और तिलहन की खेती के लिए 4 हजार रु. प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देगी सरकार
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार किसानों को दाल और तिलहन की खेती के लिए 4 हजार रु. प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि मुहैया कराएगी। यह ऐलान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपनी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 600 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि, आज के समय में पानी के सीमित स्त्रोत को देखते हुए जल संरक्षण के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। इस दिशा में हमारी सरकार ने "मेरा पानी मेरी विरासत योजना" की शुरुआत की है, जिसके तहत किसानों को धान के स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलों की खेती करने का आह्वान किया गया था और फिर पिछले साल 94 हजार एकड़ भूमि पर धान नहीं बोया गया था।
दरअसल, धान की खेती में पानी ज्यादा लगता है। इसी तरह बाजरे की खेती को भी ज्यादा पानी चाहिए। मगर, प्रदेश में पानी की कमी को देखते हुए सरकार किसानों को अन्य फसलें करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि, प्रदेश में इस वर्ष 2 लाख एकड़ भूमि पर धान की खेती न करने का लक्ष्य रखा गया है। इस फसल के बजाए किसान अन्य फसल बो सकते हैं और सरकार से उनका सहायता भी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि, हरियाणा सरकार ने "मेरा पानी मेरी विरासत योजना" का विस्तार किया है। इस योजना के तहत हरियाणा सरकार किसानों को प्रति एकड़ 4 से 7 हजार रुपए देगी।
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"मेरा पानी मेरी विरासत योजना" इस साल से लागू योजना के तहत जो किसान धान की फसल को छोड़कर उसकी जगह उसी क्षेत्र में कपास, मक्का, अरहर, मूंग, मोठ, उड़द सोयाबीन, चारा, ग्वार, तिल, मूंगफली, फल व सब्जियों की खेती करेगा, उसे प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कल ही कहा कि, बाजरे के स्थान पर दालें और तिलहन की खेती के लिए 4 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।