अन्नदाता: आंदोलन में आने वाले लोग भूखे न रहें, इसलिए बनवा दीं 7 क्विंटल जलेबी, कहा- भुजिया भी भेजेंगे दिल्ली
फतेहाबाद। नए कृषि कानूनों के विरोध में शुरू हुए किसान संगठनों के आंदोलन की खातिर जुटने वाले लोगों के लिए खाने-पानी का इंतजाम भी बराबर हो रहा है। विरोध-प्रदर्शन में हिस्सा लेने आ रहे लोग भूखे न रहें, इसलिए कई सिख संस्थाएं, गुरुद्वारे और कृषि-व्यापारी खाने की व्यवस्था कर रहे हैं। पंजाब से लेकर हरियाणा और दिल्ली तक पूड़ी-सब्जी, दूध व राशन की सप्लाई की तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं। ऐसे में फतेहाबाद के गांव बाड़ा के गुरुद्वारा ने जो किया है, उसे जानकर आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोग बहुत प्रशंसा करेंगे।
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फतेहाबाद में देसी घी के पकवान तैयार किये गए हैं। जिन्हें तैयार कराने वाले बलबीर सिंह, गुरप्यार सिंह व धर्मपाल सिंह ने कहा कि, ''सात क्विंटल जलेबी के साथ भुजिया, ड्राईफूड तैयार है। जिसे पेकिंग कर लिया गया और दिल्ली भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि, कई रोज से लोगों के लिए खाना बन रहा है। शुक्रवार को जलेबी और भुजिया वाला सामान दिल्ली पहुंचा रहे हैं। गांव से कई सज्जन लोग अन्य राशन भी भेज रहे हैं। यहां पूरे इलाके में किसान आंदोलन को लेकर जोश दिखाई दे रहा है। लोग खुद आगे आकर अपनी ड्यूटी देने के लिए तैयार हो रहे हैं। गांववालों का मन ऐसा है कि ये आंदोलन चाहे 2 साल चले, लेकिन वे किसानों को परेशानी नहीं होने देंगे। किसानों के लिए यहां से हर तरह की मदद भेजी जाएगी।"
सरकार..
आइए,
आपको
जलेबी
खिलाएंगे
इससे
पहले
भी
किसान
संगठनों
के
पदाधिकारियों
की
सरकार
के
प्रतिनिधियों
से
जब
बात
हुई
थी,
तो
किसानों
का
खाना
चर्चा
में
आ
गया
था।
1
दिसंबर
की
मीटिंग
को
किसानों
का
रवैया
ऐसा
था
कि
बातचीत
के
दौरान
लंच
ब्रेक
हुआ
तो
उन्होंने
अपने
साथ
लाया
खाना
ही
खाया।
किसान
संगठनों
से
जुड़े
लोगों
ने
कहा-
"सरकार
का
चाय
या
खाना
हमें
मंजूर
नहीं।"
बता दिया जाए कि किसानों को सरकार की तरफ से चाय ऑफर की गई थी, लेकिन लोगों ने कह दिया कि "चाय नहीं, मांगें पूरी कीजिए। आप धरनास्थल पर आइए, आपको जलेबी खिलाएंगे।"