किसानों को अपने घर-परिवार से दूर धरनों पर बैठे 11 माह हो चुके, अड़ियल सरकार कब बदलेगी रूख: हुड्डा
चंडीगढ़। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला। हुड्डा ने किसान आंदोलन के 11 महीने बीतने और सरकार की किसानों के साथ बातचीत अंजाम तक न पहुंचने पर खरी-खोटी सुनाईं। हुड्डा बोले, "यह सरकार बड़ी अड़ियल है..बेचारे किसानों को अपने घर-परिवार से दूर अलग-अलग स्थानों पर बैठे हुए 11 माह हो चुके हैं। उन्होंने सड़क पर झोपड़ियां बना बनाकर जाड़ा, गर्मी-बारिश सब सहे..लेकिन उनकी मांगें नहीं मानी जा रहीं।"
बकौल हुड्डा, "मैं कहता हूं कि किसानों की मांग पूरी तरह से जायज है। सरकार अपना रुख बदले और किसानों के लिए सकारात्मक समाधान निकाले।" हुड्डा ने पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि, सरकार को बिना देरी के राष्ट्रहित में एवं अन्नदाता के सम्मान में एक कदम आगे बढ़ाते हुए गतिरोध खत्म करना चाहिए। सबको मालूम है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता सर्वोपरि होती है। इसलिए आखिरकार हर गतिरोध का समाधान संवाद से ही निकल सकता है।"
गठबंधन सरकार की अनदेखी की बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारे प्रदेश में आज किसानों को हर स्तर पर गठबंधन सरकार की अनदेखी का खमियाजा भुगतना पड़ रहा है। डीएपी खाद के लिए किसान मारे-मारे घूम रहे हैं। कई-कई घंटे, कई-कई दिन लंबी-लंबी कतारों में इंतजार करने के बाद भी किसानों को पुलिसिया साये में भी पर्याप्त खाद नहीं मिल पा रही। इसकी वजह से अगले सीजन की बुवाई में देरी हो रही है।"
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "यह सरकार न बुआई के समय किसानों को खाद दिला पा रही है और न ही बिकवाली के वक्त किसानों को एमएसपी दे रही है। धान की खरीद में देरी और उठान नहीं होने की वजह से बहुत से किसान एमएसपी से वंचित रह गए। हैरानी की यह भी बात है कि इस सरकार नै बाजरा खरीदने से मना कर दिया। इसी तरह यो सरकार एमएसपी से पीछा छुड़ाना चाहती है। चूंकि, बाजरा किसानों को जिस भावांतर भरपाई योजना के हवाले किया गया है, तो जाहिर है कि वह पहले ही बैकफुट पर है।"