अन्ना हजारे से मिले किसान नेता, हजारे ने कहा- मोदी सरकार को घुटनों के बल आने में वक़्त नहीं लगेगा
वन इंडिया हिंदी से बात करते हुए किसान नेता विकल पचार ने कहा कि पूरे भारत से सैकड़ों से की तादाद में किसान संगठन अन्ना हज़ारे से किसान आंदोलन और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर रालेगांव सिद्धि में मुलाक़ात करने पहुंचे।
चंडीगढ़,
सितंबर
14,
2021।
किसान
आंदोलन
को
अमलीजामा
पहनाने
के
लिए
हरियाणा
संयुक्त
किसान
मोर्चा
के
किसान
नेता
नई
रणनीति
तैयार
करने
में
जुट
गए
हैं।
किसान
मोर्चा
के
नेता
देश
के
किसान
संगठनों
को
एकत्रित
कर
केरल
कर्नाटका
से
दौरा
करते
हुए
रालेगण
सिद्धि
पहुंचे।
वन
इंडिया
हिंदी
से
बात
करते
हुए
किसान
नेता
विकल
पचार
ने
कहा
कि
पूरे
भारत
से
सैकड़ों
से
भी
ज्यादा
तादाद
में
किसान
संगठन
अन्ना
हज़ारे
से
किसान
आंदोलन
और
भ्रष्टाचार
के
मुद्दों
को
लेकर
रालेगांव
सिद्धि
में
मुलाक़ात
करने
पहुंचे।
किसानों
की
मांगें
आज
तक
पूरी
नहीं
हो
पाईं-
अन्ना
हज़ारे
विकल
पचार
ने
कहा
कि
सरकार
की
कार्यशैली
को
लेकर
बैठक
में
सरकार
पर
सभी
किसान
नेताओं
ने
गंभीर
सवाल
उठाए
और
अन्ना
हजारे
से
विस्तार
से
चर्चा
हुई।
किसान
आंदोलन
को
लेकर
विचार
विमर्श
किया
गया।
किसान
आंदोलन
को
लेकर
अन्ना
हजारे
ने
कहा
कि
हमने
साल
2018
के
अंदर
देश
के
काफ़ी
किसान
संगठनों
को
आमंत्रित
करके
17
मांगों
को
लेकर
आंदोलन
शुरू
किया
था।
इसमे
मुख्य
मांग
केंद्र
की
कृषि
मूल्य
आयोग
हटा
दिया
जाए
जिससे
किसान
को
सही
मूल्य
मिल
पाएगा।
अफ़सोस
की
बात
है
किसान
संगठनों
की
तरफ़
से
हमारी
उम्मीद
से
कम
सहयोग
मिला,
जिसकी
वजह
सरकार
के
पास
भेजी
गई
किसानों
की
मांगें
आज
तक
पूरी
नहीं
हो
पाई।
चुनावी साल में पंजाब में नया ज़िला और गांव का नाम बदलने की मांग ने पकड़ा तूल, जानिए क्या है मुद्दा ?
'मेरे
सभी
आंदोलन
कामयाब
रहे
हैं'
अन्ना
हजारे
ने
कहा
कि
अगर
हमारे
द्वारा
उठाई
गई
17
मांगे
पूरी
हो
जाती
तो
आज
देश
के
किसानों
को
किसी
भी
तरह
की
समस्या
का
सामना
नहीं
करना
पड़ता।
मौजूदा
किसान
आंदोलन
में
किसान
की
दशा
पर
दुख
ज़ाहिर
करते
हुए
कहा
कि
मैं
आज
बहुत
दुखी
हूं
क्योंकि
मैंने आज तक जितने भी आंदोलन किए वो हमेशा सफल हुए हैं
अन्ना हजारे ने सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर काफी गंभीर और बड़ा सवाल खड़ा किया। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जनतंत्र देश की सबसे बड़ी ताक़त है। जनतंत्र के सहयोग से ही आज लोकतंत्र को बचाना मुमकिन है, अगर जनतंत्र मज़बूती के साथ एकजुट होकर खड़ा हो जाता है। जनतंत्र के सामने राजनीतिक पार्टियों को नतमस्तक होने में देर नहीं लगेगी।
'पूरे
देश
में
ऐसा
कोई
गांव
नहीं
जहां
किसान
नहीं
रहते'
अन्ना
हजारे
ने
कहा
कि
पूरे देश के अंदर ऐसा कोई भी गांव नहीं है जहां किसान नहीं हो अगर देश का किसान एकजुट होकर खड़ा हो गया तो मोदी सरकार को घुटनों के बल आने में वक़्त नहीं लगेगा
आज राजनीतिक पार्टियां के नेता जीवन के असली मूल मंत्र को भूल कर जनतंत्र का दुरुपयोग कर पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसे कमाने में मशगूल हो गए हैं। इन सबकी वजह से आम जनता और देश के किसान की अनदेखी की जा रही है।अन्ना हजारे ने कहा आंदोलन करने को लेकर दिल्ली में 24 सितंबर को बैठक करके जल्द कार्यकारिणी गठित किया जाएगा । बैठक में मौजूद देश के किसान नेताओं ने अपनी सहमति जताई।
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कई
राज्य
से
मुलाक़ात
करने
पहुंचे
किसान
नेता
आपको
बता
दें
कि
अन्ना
हजारे
से
मुलाकात
करने
उत्तराखंड
से
किसान
नेता
भोपाल
सिंह,
हरियाणा
संयुक्त
किसान
मोर्चा
से
जगबीर
घसौला,
प्रदीप
धनखड़,
सुखदेव
सिंह
विर्क,
दलबीर
सिंह
रेढू,
सतपाल
भादरा
सिंह,सुग्रीव
ओलख,
रामप्रताप
श्योराण,
दिनेश
गरूवा,
असम
से
विष्णु
प्रसाद,
राजस्थान
से
रामपाल
जाट,
पंजाब
से
सरदार
बलबीर
सिंह
चिमा
और
राजकुमार
भारत,
कर्नाटका
से
दयानंद
पाटिल,
दशरथ,
दिल्ली
से
खाप
प्रधान
360
से
जगदीश
सोलंकी,
हरि
सिंह,
देवराज
मलिक,
उत्तर
प्रदेश
से
आशु
राणा
मोहम्मद,
आरिफ
मोहम्मद,
पुष्कर,
मनोज
कटहर,
उत्तराखंड
से
लक्ष्मण
सिंह
राणा
पहुंचे।
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