किसान आंदोलन: हरियाणा में सीकरी हिंसा मामले में 2 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों पर FIR
फरीदाबाद। गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली-हरियाणा के अलग-अलग इलाकों में हुए किसान संगठनों के हिंसक प्रदर्शन के बाद से अब पुलिसिया कार्रवाई चल रही है। हरियाणा में फरीदाबाद जिले के सीकरी बॉर्डर पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद पुलिस ने 2 हजार से ज्यादा किसानों पर केस दर्ज किया है। उन पर हत्या की कोशिश समेत कई दूसरी धाराएं लगाई गई हैं। पुलिस अधिकारी की ओर से कहा गया कि, उन किसानों की पहचान की जा रही है, जिन्होंने पुलिस पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश और पथराव किया था। इससे पहले 26 जनवरी के दिन ही फरीदाबाद में धारा-144 लागू की जा चुकी है।
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फरीदाबाद-प्रशासन की ओर से कहा गया है कि, भारतीय किसान यूनियन द्वारा चलाए जा रहे आंदोलन के मद्देनजर धारा-144 लगाई गई है। एक पुलिस अधिकारी बोले- 'किसान आंदोलन फरीदाबाद में उग्र हो रहा था, जिसके चलते लाठीचार्ज करना पड़ा।' दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों को पुलिस ने सीकरी में बैरिकेड लगाकर रोकने की कोशिश की। हालांकि, वे ट्रैक्टर लेकर जबरन आगे बढ़ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। घटना में कई किसान घायल हुए।
हरियाणा: फरीदाबाद-दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस से भिड़ंत, सिपाहियों ने किया लाठीचार्ज
गौरतलब है कि, केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के 30 से ज्यादा किसान-श्रमिक संगठनों ने आंदोलन छेड़ा था। हालांकि, गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से यह आंदोलन खटाई में पड़ गया। तकरीबन 400 जवानों के घायल होने और करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में दिल्ली पुलिस की ओर से 37 नेताओं पर एफआईआर दर्ज कराई गई हैं। पूरे मामले में 25 से ज्यादा केस दर्ज किए गए। जिसके चलते दो बड़े संगठन किसान आंदोलन से अलग हो गए। जिनमें राष्ट्रीय मजदूर किसान संगठन और भारतीय किसान यूनियन भानु ने खुद को आंदोलन से अलग कर लिया।