हरियाणा: दिग्विजय चौटाला बोले- जजपा का स्टैंड क्लियर है, जब MSP है तो सरकार को इसे कानून में लिखकर देने में क्या हर्ज है
सिरसा। नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा शुरू किया गया आंदोलन तेज होता जा रहा है। किसानों ने सरकार की 'चाय पर चर्चा' वाली मांग ठुकरा दी। वहीं, गृहमंत्री अमित शाह का आग्रह भी नहीं माना। अब हरियाणा सरकार में शामिल जजपा की सहयोगी इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला का किसान संगठनों के समर्थन में बयान आया है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि, 'किसानों को लेकर जजपा का स्टैंड क्लियर है, अन्नदाता की भावनाओं की कदर होनी चाहिए।'

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि, 'सरकार किसान संगठनों की सुने। अभी हरियाणा और पंजाब दोनों एमएसपी दे रहे हैं, तो फिर लिखकर दे देने में क्या हर्ज है? कृषि कानून में ये और जोड़ ली जाए।' चौटाला बोले- ''जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजीत सिंह ने भी साफ कह दिया है कि एमएसपी देने की बात कानून में जोड़ देनी चाहिए ताकि, किसान जो अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं उनकी शंका दूर हो सके।'' चौटाला यह भी बोले कि, किसानों पर मुकदमे दर्ज नहीं होने के भी हम पक्षधर हैं। कोई किसान यदि अपने हक की बात कर रहा है, तो वो जायज है।
हाल ही में निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान के सरकार से समर्थन की वापसी पर दिग्विजय चौटाला बोले कि, ये उनका निजी फैसला है। हम उनकी भावनाओं की कदर करते हैं, क्योंकि किसानों के हक में ये फैसला लिया। और, जो शख्स किसानों के साथ है, हम उस हर व्यक्ति की भावनाओं की कदर करते हैं। इसके साथ ही दिग्विजय चौटाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी जिक्र किया। चौटाला ने कहा कि, देश के मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी किसान हितैषी हैं। मोदी दीनबंधु सर छोटू राम, चौधरी देवीलाल और चौधरी चरण सिंह की बातों का अनुसरण करने वाली शख्सियत हैं। उम्मीद है वो जल्द जरूरी निर्णय लेंगे।

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यह बोले थे जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
हरियाणा सरकार में सहयोगी पार्टी जजपा के कई नेता किसान संगठनों के समर्थन में बोले हैं। जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला बयान आया, जिसमें अजय चौटाला ने कहा कि, सरकार किसानों की समस्या का जल्द समाधान करे।' उन्होंने यह भी कहा कि, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि मंत्री बयान दे चुके हैं कि किसानों की एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा। ऐसे में सरकार को चाहिए कि कृषि कानूनों में एमएसपी को शामिल करे। इस तरह किसानों की मांग शीघ्र पूरी करें।'