Covid 19: हरियाणा में नहीं लगेगा लॉकडाउन, न ही रात्रि कर्फ्यू, स्वास्थ्य मंत्री विज ने कहा- सख्ती बढ़ाएंगे
चंडीगढ़। कोविड वैक्सीनेशन के बीच देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। ऐसे राज्यों में हरियाणा भी शामिल है। हालांकि, यहां स्थिति ऐसी नहीं है कि लॉकडाउन फिर से लगाना पड़े। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि, रात्रि कर्फ्यू का इरादा नहीं है। बल्कि जहां-जहां नए मरीज मिलने के मामले आ रहे हैं, वहां सख्ती बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि, गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत आदि जिलों में जहां कोरोना रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, वहां स्वास्थ्य अभिकारियों को ज्यादा सख्ताई की जरूरत है। जिला अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिए कि, कोरोना मरीज मिलने वाले 7 जिलों में पूरे दिन 'मास्क न होने पर चालान' वाला अभियान चलाया जाए। जुर्माना वसूला जाए।
स्वास्थ्य मंत्री ने सूबे के सभी पुलिस अधीक्षकों व जिला उपायुक्तों को कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा कि, सरकार दवा का इंतजाम कराएगी, आप नियमों का पालन कराएं। उन्होंने लोगों के मास्क न लगाने पर चालान करने और रोजाना रिपोर्ट मुख्यालय भेजने को कहा। कमेटी बनाकर भीड़ वाले स्थानों की निगरानी करने के आदेश भी दिए। वहीं, बढ़ते मामलों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का भी बयान आया। उन्होंने कहा कि राज्य भर में हाल ही में कोविड-19 मामलों में हुई वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए जिला, खण्ड और गांव स्तर पर 'टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट' रणनीति के प्रभावी कार्यान्वयन को अपनाया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक सचिवों, जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, नगर निगम आयुक्तों और संबंधित अन्य अधिकारियों के साथ कोविड-19 स्थिति व टीकाकरण पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। जिसमें स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री श्री अनिल विज अंबाला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें कोविड-19 मामलों में वृद्धि के कारण उत्पन्न हो सकने वाली किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए सतर्क रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के प्रबंधन की तैयारियों में तेजी लाने, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग, क्लिनिकल मैनेजमेंट पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, कड़ी निगरानी के साथ-साथ जन-जागरूकता गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री खट्टर ने कहा कि, सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करना अनिवार्य है और इसे सही मायने में लागू किया जाना चाहिए।