कोरोना से लोगों को बचाने के लिए हरियाणा सरकार ने अब तैनात किए MBBS के स्टूडेंट्स
चंडीगढ़। कोरोना से मचे कोहराम के बीच हरियाणा में मरीजों को बचाने के लिए अब एमबीबीएस फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स तैनात हो रहे हैं। डॉक्टरों की कमी पड़ने की स्थिति में राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि, आइसोलेशन वार्ड इन स्टूडेंट्स की भी सेवा ली जाए। सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले ज्यादातर एमबीबीएस छात्रों को महामारी के प्रभावी प्रबंधन के लिए तैनात किया जाएगा।
एमबीबीएस के 50 स्टूडेंट्स आज से काम पर
जानकारी के मुताबिक, एमबीबीएस फाइनल के 50 स्टूडेंट आज ड्यूटी ज्वॉइन करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के एक बुलेटिन में इस बारे में सूचना दी गई। जिसमें कहा गया कि हरियाणा में रविवार को COVID-19 की वजह से 11 लोगों की जान चली गई। जिनमें से 9 तो गुरुग्राम और फरीदाबाद से ही दर्ज हुईं। जबकि, संक्रमण के मामलों की कुल संख्या 10,635 हो गई है। मौतों का आंकड़ा भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। ऐसे में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान महानिदेशक ने एक आदेश में कहा कि राज्य के 11 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के 1,106 अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों को कोविड-19 का दायित्व सौंपा गया है।
संबंधित जिलों के सिविल सर्जनों को रिपोर्ट करेंगे
ये सभी छात्र अपने अपने संबंधित जिलों के सिविल सर्जनों को रिपोर्ट करेंगे। सूचना के अनुसार, सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों के सभी अंतिम वर्ष के एमबीबीएस छात्रों को तत्काल प्रभाव से स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्त किया जाएगा। मेडिकल कॉलेजों और सिविल सर्जनों के निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्रों को सभी आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किए जाएं। आदेश के अनुसार, छात्रों को 22 जून तक संबंधित सिविल सर्जनों को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। अत: आज से यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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19 जून को जारी हुए थे आदेश, आज से लागू
सरकार ने कहा कि कोरोना के मामलों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है, यह आदेश 19 जून को जारी हुआ था। सरकार ने कहा कि, जरूरत पड़ने पर सिविल सर्जन छात्रों के लिए बोर्डिंग और ठहरने की व्यवस्था भी सुनिश्चित करेंगे। यह सब इसलिए किया गया है कि, लोगों की सुरक्षा हो सके।