पूर्व CM हुड्डा बोले- तीनों नए कृषि कानून रद्द करे सरकार, अब किसानों की सभी मांगों को माने
फरीदाबाद। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा पर हमला बोला। हुड्डा ने कृषि कानूनों के विरुद्ध चल रहे किसानों संगठनों के आंदोलन का पक्ष लेते हुए कहा कि, उनकी सभी मांगें मानी जाएं। हुड्डा बोले- "ये सरकार यूं तो किसी वर्ग की न हुई, लेकिन किसानों की माने। आंदोलन तेज होगा। सरकार को बिना एक पल की देरी किए तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर देना चाहिए और सभी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।"
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पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा सरकार को पूरी तरह से फेल बताते हुए आरोप मढ़ा कि समाज का कोई भी वर्ग इस सरकार से खुश नहीं है। आज देश का किसान अपनी जायज मांगों को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा है, तो उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।" पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने ये बातें बीते रोज हरियाणा के पूर्व कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल के भाई की श्रद्धांजलि सभा में हिस्सा लेने के बाद कहीं। हुड्डा ने हरियाणा की गठबंधन सरकार की सहयोगी जजपा को लेकर कहा कि, "हमने चुनाव और सरकार बनते समय चेताया था कि जजपा वोट किसी से लेगी और सपोर्ट किसी और का करेगी। आज देख रहे हैं, हमारी एक-एक बात सही साबित हुई।"
फरीदाबाद में हुड्डा बोले- ''जजपा कुर्सी और किसान में फर्क नहीं कर पा रही है। निजी स्वार्थ और सत्ता के लोभ में कुर्सी से चिपकी हुई है। हमारा कहना है कि जजपा को किसानों का साथ देना चाहिए। उसे बहुत से किसानों से सपोर्ट मिला था, लेकिन उसे अब किसान की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं है।' हुड्डा ने इससे पहले भी किसान आंदोलन को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया था। हुड्डा ने पिछले दिनों कहा था कि, किसानों की मांगों को सुनने के बजाए सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। हमारे देश के इस प्रजातंत्र में शांतिपूर्ण ढंग से अपने हक की बात कहने वाले किसानों के रास्ते में बड़े-बड़े पत्थर रखवाना, वाटर कैनन से रोकना उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। किसानों को रोकने के लिए सरकार को इस तरह का तानाशाही रवैया नहीं अपनाना चाहिए। हम इस रवैये की घोर निंदा करते हैं।' पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा यह भी बोले कि, 'बढ़ती सर्दी के मौसम और कोरोना काल में लोगों पर पानी की तीखी बौछार करना अत्याचार है। किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ लोकतांत्रिक ढंग से आवाज़ उठाने दिल्ली आ रहे किसानों से आखिर इतना क्यों डरी हुई है बीजेपी-जेजेपी की सरकार?'