Baroda Election Results 2019: बीजेपी के योगेश्वर दत्त कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा से हारे
चंडीगढ़। कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के योगेश्वर दत्त को 4,637 वोटों से हरा दिया है। श्रीकृष्ण हुड्डा को 36,851 वोट मिले हैं, जबकि योगेश्वर दत्त को 32,214 वोट मिले हैं। वहीं तीसरे नंबर पर जेजेपी के भुपिंदर मलिक हैं। उन्हें 26,972 वोट मिले हैं।
अन्य उम्मीदवारों की बात करें तो इनेलो के जोगिंदर सिंह को 2,777 वोट मिले हैं। बहुजन समाज पार्टी के नरेश को 2360, भारतीय समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार दिनेश को 363, जय महाभारत पार्टी के शकुंतला को 113, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के सत्यनारायण को 1477 वोट मिले हैं। वहीं निर्दलीय उम्मीदारों में लोकेश कुमार को 126, धर्मपाल को 68 और वजीर को 38 वोट मिले हैं।
बता दें हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ था। इस बीच राज्य की हाई प्रोफाइल बरोदा सीट पर काफी दिलचस्प मुकाबला हुआ। ये सीट सोनीपत जिले के अंदर आती है। यह एक ऐसी सीट है, जहां बीजेपी कभी जीत दर्ज नहीं करा पाई है। मौजूदा सांसद कांग्रेस के एमएलए श्रीकृष्ण हुड्डा हैं, जिन्होंने एक बार फिर जीत हासिल की है। उन्होंने साल 2014 के चुनावों में इंडियन नेशनल लोक दल उम्मीदवार डॉ. कपूर सिंह नरवार को करीबी मुकाबले में हराया था।
इस बार बीजेपी ने इस सीट से पहलवान योगेश्वर दत्त को चुनावी मैदान में उतारा था। वहीं कांग्रेस की ओर से एमएलए श्रीकृष्ण हुड्डा चुनावी मैदान में उतरे। इनके अलावा इंडियन नेशनल लोक दल के जोगिंदर और जननायक जनता पार्टी के भूपिंदर मलिक ने भी अपनी किस्मत आजमाई। पिछले चुनाव की अगर बात करें तो श्रीकृष्ण हुड्डा ने 50,530 वोट पाकर ये जीत हासिल की थी। उन्होंने इनेलो (इंडियन नेशनल लोकदल ) के डॉक्टर कपूर सिंह नरवाल को 5,183 वोटों से हराया था। भाजपा के बलजीत सिंह मलिक 8,698 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
मुख्य मुकाबला किनके बीच?
इस बार मुख्य मुकाबल बीजेपी और कांग्रेस के बीच रहा। पिछले दो चुनावों से यहां कांग्रेस जीत दर्ज करा रही है। इस बार भी कांग्रेस ही जीती है। 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में बेशक बीजेपी ने 90 में से 47 सीटें जीती थीं। लेकिन बावजूद इसके कांग्रेस बरोदा सीट जीतने में कामियाब रही थी। श्रीकृष्ण हुड्डा ने 2014 में दूसरी बार जीत दर्ज की थी। 2009 में भी ये सीट कांग्रेस के ही खाते में गई थी। जबकि इससे पहले 2000 और 2005 में इनेलो के खाते में गई थी। इस सीट पर बीजेपी काफी कमजोर रही है।
इस बार योगेश्वर दत्त को मैदान में उतारकर भी बीजेपी ये सीट हासिल करने में कामियाब नहीं हो पाई। क्योंकि इस बार भी बीजेपी उम्मीदवार का मुकाबला कांग्रेस के श्रीकृष्ण हुड्डा के साथ था। जिन्हें काफी मजबूत उम्मीदवार माना जाता रहा है।