जटाधारी भिखारी बाबा निकला करोड़पति, बेहद मार्मिक है दो बहनों के इस इकलौते भाई की स्टोरी
अंबाला। दाढ़ी और बाल बढ़े हुए। मैले-कुचले कपड़े। ना भरपेट खाने की सुध। ना रहने का कोई स्थायी ठिकाया। अक्सर अंबाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी में मंदिर के बाहर भीख मांगता मिलता। उसका नाम कोई नहीं जानता। सब उसे जटाधारी भिखारी बुलाते। एक दिन पैर में चोट लगी। खूब खून बहा। इसके बाद तो पूरी कहानी बदल गई। जटाधारी भिखारी बाबा करोड़पति निकला। दो बहनों के इस इकालौते भाई की गुम होने और सकुशल मिलने जाने की पूरी स्टोरी किसी फिल्म से कम नहीं है।
आजमगढ़ का रहने वाला है धनंजय
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार जटाधारी बाबा का वास्तविक नाम धनंजय ठाकुर है। यह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। गुरुवार को धनंजय के पैर में चोट लगने पर अंबाला की गीता गोपाल संस्था के सदस्य साहिल ने उसे प्राथमिक उपचार के लिए बुलाया। इसी दौरान साहिल ने उससे घर-परिवार के बारे में पूछा।
54 साल के शख्स को FB पर दिल दे बैठी 19 साल की लड़की, एक रात मिलने का किया फैसला, फिर...
चाचा का मोबाइल नंबर था याद
धनंजय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए वह घर वालों के बारे में ज्यादा नहीं बता पाया, मगर उसने बताया कि उसे एक मोबाइल नंबर याद है। उस नंबर पर फोन करने पर वह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ शिशुपाल का निकला। शिशुपाल धनंजय के चाचा हैं। साहिल ने शिशुपाल को धनंजय के बारे में जानकारी दी। जैसे ही यह खबर धनंजय के परिजनों को मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
पिता एचआर कंपनी में एचआर
खबर मिलते ही धनंजय की छोटी बहन नेहा व अन्य परिजन उसे लेने अंबाला पहुंचे। नेहा ने मीडिया को बताया कि उसके पिता राधेश्याम सिंह कोलकाता की एक बड़ी कंपनी में एचआर हैं। धनंजय दो बहनों का इकलौता भाई है। ग्रेजुएशन तक पढ़ा लिखा है। दो साल पहले उसे नशे की लत लग गई थी। इसकी वजह से मानसिक संतुलन खराब रहने लगा और एक दिन धनंजय परिजनों को बिना बताए ही कहीं चला गया, जो अब मिला है।