छेड़खानी से परेशान 80 छात्राओं ने छोड़ा स्कूल, भूख हड़ताल पर बैठी
पूरा घटनाक्रम हरियाणा के रेवाड़ी स्थित खोल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव गोथेरा टापा दाहेना का है। बताया जा रहा है कि इस गांव के आस-पास कोई सीनियर सेकेंडरी स्कूल नहीं है।
रेवाड़ी (हरियाणा)। करीब 80 छात्राओं ने छेड़खानी से परेशान होकर स्कूल छोड़ने का फैसला कर लिया है। इन छात्राओं के मुताबिक इनके आस-पास में कोई सीनियर सेकेंड्री स्कूल नहीं है। जिसकी वजह से इन्हें पढ़ाई के लिए करीब 3 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
प्रताड़ना
से
परेशान
छात्राएं
स्कूल
छोड़ने
को
मजबूर
दूसरी ओर दूर स्कूल होने की वजह से इन छात्राओं को कुछ युवकों की छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है। इसकी शिकायत उन्होंने घर में की तो घरवालों ने स्कूल छोड़ने के लिए कह दिया। आखिर में इन छात्राओं ने आंदोलन का रुख अख्तियार किया है। ये छात्राएं पांच दिन से भूख हड़ताल पर हैं। आंदोलन कर रही सभी छात्राएं कक्षा 11 और 12 में पढ़ती हैं।
स्कूल के लिए छात्राओं का आंदोलन
पूरा घटनाक्रम हरियाणा के रेवाड़ी स्थित खोल ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव गोथेरा टापा दाहेना का है। बताया जा रहा है कि इस गांव के आस-पास कोई सीनियर सेकेंडरी स्कूल नहीं है। जिसकी वजह से यहां की छात्राएं 10वीं से आगे की पढ़ाई के लिए कनवली स्थित स्कूल में जाती हैं। ये स्कूल इनके गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर है। छात्राओं के मुताबिक उन्हें रोज इस रुट में स्थानीय लड़कों की छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है।
छात्राओं की बिगड़ी तबीयत
परेशान छात्राओं ने मामले की शिकायत अपने गांव के सरपंच से की। उन्होंने इस मामले को स्थानीय अधिकारियों के समक्ष उठाया। हालांकि कोई बात आगे नहीं बढ़ सकी। आखिरकार इन छात्राओं ने खुद मोर्चा संभालते हुए भूख हड़ताल शुरू की है। करीब 5 दिन हो चुके हैं इन छात्राओं के भूख हड़ताल को, इस दौरान 4 छात्राओं की तबीयत भी बिगड़ चुकी है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
छेड़खानी से परेशान छात्राएं सरपंच के पास पहुंची
पूरे मामले पर गांव के सरपंच सुरेश चौहान के मुताबिक छात्राओं को आने-जाने की समस्या तो होती ही है, साथ ही छेड़खानी का शिकार भी होना पड़ता है। कई लोग हेलमेट पहन कर इन छात्राओं को प्रताड़ित करते हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाती। दूसरी ओर जिले के शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने बताया कि लड़कियों को उनके माता-पिता और सरपंच दिग्भ्रमित कर रहे हैं।
5 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी
डीईओ के मुताबिक गांव में सीनियर सेकंडरी स्कूल में बनाने के लिए जो नियम चाहिए उसमें सबसे अहम है कि वहां करीब 150 छात्र-छात्राएं होनी चाहिए, लेकिन इन छात्राओं की संख्या बेहद कम है। दूसरी जिले की एसपी के मुताबिक उन्होंने खुद छात्राओं से बात की है, लेकिन छात्राओं के किसी के खिलाफ प्रताड़ना या छेड़छाड़ का केस दर्ज नहीं कराया है।
इसे भी पढ़ें:- जन्मदिन पर छात्र के फायरिंग का वीडियो हुआ वायरल, फिर क्या हुआ...