हरियाणा के कृषि मंत्री ने कहा- जिन किसानों की फसल बेमौसम बारिश से खराब हुई उन्हें मुआवजा देंगे
चंडीगढ़। हरियाणा के कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने कहा है कि, बेमौसमी बारिश की वजह से नुकसान झेलने वाले किसानों को सरकार मुआवजा देगी। कृषि मंत्री के हवाले से न्यूज एजेंसी ने ट्वीट किया, "बेमौसमी बारिश की वजह से फसलों का जो नुकसान हआ है, राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद उसका संज्ञान लेकर फसलों की स्पेशल गिरदावरी करवा के समय पर मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।
कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि, राज्य में किसानों के हितों की रक्षा के प्रति मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राज्य सरकार ने एक विशेष रूप से डिजाइन की गई योजना के तहत अजैविक कारकों के खिलाफ बागवानी किसानों को कवर करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उनके मंत्रिमंडल ने बागवानी किसानों के लिए प्रतिकूल मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण बागवानी फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (एमबीबीवाई) नामक एक आश्वासन-आधारित योजना के कार्यान्वयन को स्वीकृति प्रदान की। मंत्री ने माना कि, प्रदेश में बागवानी किसानों को विभिन्न कारकों के कारण भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है, जिनमें फसलों में अचानक बीमारी फैलने, कीटों के संक्त्रमण जैसे जैविक कारक और बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, पाला, अत्यधिक तापमान जैसी वजहें शामिल हैं।
सरकारी
प्रवक्ता
के
मुताबिक,
राज्य
के
बागवानी
विभाग
ने
बागवानी
फसलों
को
कवर
करने
वाली
विभिन्न
फसल
बीमा
योजनाओं
की
जांच
की
और
पाया
कि
प्राकृतिक
आपदाओं
और
प्रतिकूल
मौसम
की
स्थिति
के
कारण
फसल
नुकसान
को
कवर
करने
के
लिए
एक
नई
योजना
की
आवश्यकता
है।
ऐसे
में
सरकार
ने
बागवानी
फसल
आश्वासन
योजना
के
रूप
में
"एमबीबीवाई"
को
शुरू
किया।
जिसका
उद्देश्य
किसानों
को
उच्च
जोखिम
वाली
बागवानी
फसलों
की
खेती
के
लिए
प्रोत्साहित
करना
है।
इस
योजना
के
तहत
ओलावृष्टि,
पाला,
वर्षा,
बाढ़,
आग
आदि
कारकों,
जिनसे
फसल
को
नुकसान
होता
है..सरकार
इसीलिए
मदद
मुहैया
कराएगी।
उन्होंने
कहा
कि,
इस
योजना
के
तहत
कुल
21
सब्जी,
फल
और
मसाला
फसलों
को
कवर
किया
जाएगा।
सरकार की नई योजना के तहत किसानों को सब्जी एवं मसाला फसलों की 30,000 रुपये और फल फसलों की 40,000 रुपये की बीमा राशि के जवाब में महज 2.5 प्रतिशत यानी 750 रुपये एवं 1000 रुपये ही अदा करते होंगे। सरकार ने कहा है कि, दावा (क्लैम) मुआवजा सर्वेक्षण और नुकसान की 4 कैटेगरीज हैं- क्लैम 25, 50, 75 और 100% की सीमा पर आधारित होगा। हालांकि, यह योजना वैकल्पिक होगी और पूरे राज्य में लागू होगी। सरकार ने कहा है कि, किसानों को "मेरी फसल मेरा ब्योरा (एमएफएमबी)" पोर्टल पर अपनी फसल और क्षेत्र का रजिस्ट्रेशन करते समय इस योजना का विकल्प चुनना होगा।