14 वर्षीय लड़की के 26 हफ्ते के गर्भ की मेडिकल रिपोर्ट तैयार, हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में पेश करेगी
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की ओर से एक 14 साल की प्रेग्नेंट लड़की के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जवाब दिया गया। राज्य सरकार ने कोर्ट के समक्ष कहा कि, 14 वर्षीय लड़की, जो अपने 26 सप्ताह के गर्भ को गिराना चाहती है, उसकी मेडिकल रिपोर्ट तैयार है और उसे जल्द कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा। बता दिया जाए कि, इसी मामले पर पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार से कहा था कि वह सीलबंद कवर में रिपोर्ट प्रस्तुत करे। अब 8 मार्च को सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को हरियाणा के एक सरकारी अस्पताल के मेडिकल बोर्ड से यह जांच करने के लिए कहा था कि क्या 14 साल की लड़की के लिए 26 सप्ताह के गर्भ को गिराना सुरक्षित होगा। दरअसल, लड़की की ओर से दलील में कहा गया था कि उसके चचेरे भाई ने उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए थे, जिससे वह गर्भवती हो गई थी। फिर उसने सुप्रीम कोर्ट से अपने 26 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति मांगी।
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गौरतलब है कि, कानून के हिसाब से 20 सप्ताह से अधिक के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं होती। ऐसे मामले सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चले जाते हैं। मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट-1971 के तहत, कोर्ट की इजाजत के बिना 20 सप्ताह से ज्यादा के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं होती। हाल ही 2 मार्च को मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच ने मेडिकल बोर्ड से उक्त लड़की के गर्भपात पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा था। आज इसी पर सुनवाई हुई। अब सुनवाई 8 मार्च को है।
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