हरदोई: शिष्य ने साले और साथी के साथ मिलकर की थी गुरु, उनकी शिष्या और पुत्र की हत्या
हरदोई। एक सितंबर को हरदोई जिले में साधु, साध्वी और साधु के बेटे की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हरदोई पुलिस ने ट्रिपल मर्डर केस का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी साधु के शिष्य और उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस को कुछ और लोगों की तलाश है। बता दें कि पुलिस इस सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा आरोपी शिष्य की पत्नी और आरोपी से हुई पूछताछ के बाद बयानों में आए अंतर से कर पाई।
दरअसल, हरदोई जिले के टड़ियावां थाना क्षेत्र कुआंमऊ सिमरौली गांव में आश्रम बनाकर रह रहे साधु हीरादास, उनके पुत्र नेतराम और एक साध्वी मीरादास का शव ईंट पत्थरों से कुचला हुआ एक सितंबर को आश्रम में बरामद हुआ था। ट्रिपल मर्डर में साधु, साध्वी और उनके पुत्र की हत्या के बाद इस सनसनीखेज वारदात को लेकर पूरे इलाके में दहशत फैल गई थी। घटना की गंभीरता को देखते हुए एडीजी जोन (कानून व्यवस्था) ने भी मौके का निरिक्षण करके पुलिस को इस पूरे मामले खंगालने के निर्देश दिए थे।
ट्रिपल मर्डर के इस सनसनीखेज मामले के बाद पुलिस ने 36 घंटे के अंदर आश्रम में हुए इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए आश्रम में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर शिष्य, उसके साले और एक दोस्त को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने आश्रम और आश्रम की 48 बीघा जमीन के लालच में ट्रिपल मर्डर की वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस की मानें तो शिष्य रक्षपाल साल भर पूर्व ही इस आश्रम से तब जुड़ा था जब वह पिछले साल पुलिस मुठभेड़ में घायल होने के बाद जेल से जमानत पर बाहर आया था।
जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद रक्षपाल अपने एक रिश्तेदार के जरिए आश्रम में पहुंचा और उसके बाद आश्रम में रहने वाले साधु हीरादास का शिष्य बन गया। साधु पर विश्वास जमा कर वह आश्रम की 48 बीघा जमीन पर खेती करने लगा। इतना ही नहीं, रक्षपाल ने 17 अगस्त को साधु हीरादास को विश्वास में लेकर एक वसीयतनामा अपने पक्ष में करा लिया था। वसीयतनामा कराने के बाद से शातिर रक्षपाल आश्रम और जमीन हासिल करने के लिए किसी भी तरह साधु, उनके बेटे और साध्वी की हत्या करने का प्लान बनाने लगा।
रक्षपाल और उसके साथियों ने हत्या की साजिश रची और तीनों ने मिलकर ईंट पत्थरों से कुचल कर आश्रम में ही साधु हीरादास, साध्वी मीरादास और साधु के पुत्र नेतराम की हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ने शोर मचाना शुरू कर दिया। शोर सुनकर ग्रामीण और गांव के प्रधान भी मौके पर पहुंच गए और ट्रिपल मर्डर की वारदात की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने जब इस पूरे हत्याकांड से जुड़े सभी लोगों को एक एक कर पूछताछ शुरू की तो आरोपी शिष्य रक्षपाल की गतिविधियों पर संदेह हुआ। उसकी पत्नी से भी पूछताछ की गई।
दोनों के बयानों में अंतर मिलने पर और सर्विलांस के जरिए रक्षपाल के दोस्त और साले की गतिविधियों को लेकर पुलिस को संदेह हुआ। इसके बाद पुलिस ने रक्षपाल के साले संजय और उसके दोस्त राजीव को भी पकड़कर सख्ती से पूछताछ की। तीनों लोगों ने आश्रम में हुए ट्रिपल मर्डर के राज से पर्दा उठा दिया। पुलिस के मुताबिक आश्रम और उसकी 48 बीघा जमीन के लालच में आकर ट्रिपल मर्डर की वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस को अभी इस मामले में इनके मददगार रहे कुछ और लोगों की भी तलाश है।