हापुड़ के सनव्वर ने सुनाई आपबीती, दिल्ली हिंसा में जान बचाकर भागा था
हापुड़। दिल्ली हिंसा में उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के रहने वाले दो युवकों पर हमला हुआ। हमले में सुलेमान की मौत हो गई, जबकि सनव्वर गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल सनव्वर किसी तरह जान बचाकर दिल्ली से हापुड़ पहुंचा। उधर मृतक सुलेमान का शव गम के माहौल में गांव लाया गया और वहीं के एक कब्रिस्तान में उसे दफना दिया गया। गौरतलब है कि दिल्ली हिंसा में अब तक करीब 43 लोगों की मौत की खबर है और लगभग 200 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं।
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हापुड़ गांव भीकनपुर के रहने वाले यूसुफ का बड़ा बेटा सुलेमान 10 दिन पहले गांव से दिल्ली के करावल नगर गया था। वहीं, सनव्वर भी हापुड़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चमरी का रहने वाला है, और सुलेमान के साथ दिल्ली में काम करता था। सनव्वर की बताया कि 26 फरवरी की सुबह उसके 4 साथी काम कर रहे थे, जब उन्हें पता चला कि हिंसा भड़क गई है। सभी वहां से निकले और अपने ठेकेदार के पास जा रहे थे। इसी बीच करावल नगर मंडी के पास भीड़ ने चारों को रोक लिया। भीड़ ने उनसे पहचान पत्र मांगा।
सुलेमान और सनव्वर ने अपनी आईडी दिखा दी। सनव्वर की मानें तो भीड़ ने उन्हें रोक लिया जबकि बाकी दो साथियों को जाने दिया। इसके बाद दंगाई भीड़ ने दोनों को मारना शुरू कर दिया। सुलेमान के सिर पर लाठी डंडों वार किया गया, जिससे उसकी मौत हो गई। सुलेमान का शव जब एंबुलेंस से गांव पहुंचा तो घरों से रोने की आवाजें आने लगीं। गंभीर चोट से जूझ रहा युवक सनव्वर अपने घर पर ही इलाज करा रहा है। उसके सिर में काफी चोटें लगी हैं।
सनव्वर ने बताया कि उस पर भी हमला हुआ लेकिन वह जान बचाकर भाग गया। सनव्वर भागते-भागते गिर गया और जब उसे होश आया तो उसने खुद को एक डॉक्टर के यहां पाया। सनव्वर ने बताया कि उसके पास पैसे भी नहीं थे कि आगे वह कोई काम कर सके। उसने किसी की मदद से अपने घर पर फोन किया और घायल अवस्था में दिल्ली से हापुड़ पहुंचा। सनव्वर अपने परिवार का कमाने वाला बड़ा बेटा है। उसकी छोटी-छोटी बहनें हैं। घायल सनव्वर ऊपर वाले का शुक्रगुजार है कि उसकी जान बच गई, लेकिन उसे अपने दोस्त सुलेमान को खोने का गहरा दुख है।
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