हापुड़ की बेटियों ने जीता ऑस्कर तो झूम उठा गांव, देखिए वीडियो
Hapur News, हापुड़। 26 मिनट की शॉर्ट फिल्म 'पीरियड-एंड ऑफ सेंसेंस' ने बेस्ट डॉक्युमेंट्री शॉर्ट सबजेक्ट कैटिगरी में ऑस्कर जीता है। बता दें कि ये फिल्म दिल्ली से 60 किलीमीटर दूर हापुड़ के काठीखेड़ा गांव की रहने वाली दो महिलाओं के पैड वुमन बनने की कहानी पर बनी है। सुमन और स्नेहा को ऑस्कर मिलने के बाद परिवार और गांव वालों में खुशी का माहौल है। खुशी इस बात को लेकर भी है कि दोनों महिलाएं अवॉर्ड लेने के लिए अमेरिका गईं है और 1 मार्च को लौटेंगी।
NGO से मिली प्रेरणा
दिल्ली के लाजपत नगर की रहने वाली सुमन की शादी 2010 में काठीखेड़ा गांव निवासी बलराज के साथ हुई थी। जल्दी सुमन गांव में एक एक्शन इंडिया संस्था से जुड़ी गई, जो महिलाओं के लिए काम करता था। वहीं, सुमन को सैनिटरी पैड बनाने की प्रेरणा मिली। इस काम में उन्होंने रिश्ते में ननद स्नेहा और उनकी सहेलियों को भी जोड़ा।
पैसे की तंगी से शुरू हुई कहानी
बता दें कि स्नेहा और सुमन के 'पैड वुमन' बनने की कहानी पैसे की तंगी से शुरू हुई। स्नेहा एक किसान की बेटी है। स्नेहा की मानें तो वह पुलिस भर्ती की कोचिंग ले रही थी और उसी का खर्च निकालने के लिए वह एक्शन इंडिया संस्था से जुड़ी।
अमेरिका से आए एनजीओ (NGO) ने बनाई फिल्म
एक्शन इंडिया संस्था की हापुड़ कोऑर्डिनेटर शबाना के साथ अमेरिका से एनजीओ के कुछ लोग आए थे। उन्होंने महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर फिल्म बनाने के बात शबाना के सामने रखी। स्नेह और सुमन ने साहस जुटाया और फिल्म में काम करने के लिए परिवार वालों को मना लिया, इसके बाद फिल्म पीरियड्स ऑफ सेंटेंस की शूटिंग हुई। उसके बाद फिल्म ऑस्कर के लिए नामित हुई और अब फिल्म को डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट सब्जेक्ट श्रेणी में ऑस्कर पुरस्कार मिला है।
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