वनइंडिया खबर का असर, ठेले पर बीमार पत्नी को ले जाने वाले बुजुर्ग के घर इलाज के लिए पहुंचे CMO
हापुड़। उत्तर प्रदेश के हापुड़ में वनइंडिया की खबर का बड़ा असर हुआ है। उपचार के लिए ठेला-रिक्शा से पति के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची पीड़िता उर्मिला के मामले में जिलाधिकारी अदिति सिंह ने कड़ी नाराजगी जताई है। डीएम के आदेश के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया है। शुक्रवार की शाम को 108 एंबुलेंस पीड़िता के घर उसे लेने पहुंची, जहां से उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर भर्ती किया गया है। मौके पर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजवीर सिंह स्वयं पहुंचे और उन्होंने पीड़िता की जांच की। प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में शामिल होने के बावजूद जिन निजी अस्पतालों ने पीड़िता से रुपये वसूले हैं, उनकी जांच शुरू कर दी गई है और सभी संचालकों को सीएमओ ने अपने कार्यालय बुलाया है। वनइंडिया ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था जिसके बाद ठोस कार्रवाई की गई।
नगर के मोहल्ला कन्हैयापुरा निवासी बिजेंद्र की पत्नी उर्मिला को पथरी, हर्निया और कमर के जोड़ सहित अन्य बीमारियां हैं, इन्हीं बीमारियों का इलाज कराने के लिए वह पिछले आठ माह से अस्पताल दर अस्पताल भटक रहा है लेकिन, उसका कोई उपचार ठीक प्रकार से ना कर और ना ही कोई ऑपरेशन हुआ है, बल्कि, उपचार और जांच आदि के नाम पर उससे हजारों रुपये अस्पतालों में जमा करा लिए गए, जबकि, पीड़ित का परिवार प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना में शामिल है।
बता दें कि दिसंबर माह में दोनों दंपति पिलखुवा स्थित एक निजी अस्पताल में पहुंचे, जहां छह दिन तक महिला को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत भर्ती कर लिया गया लेकिन, तीन दिनों तक कोई उपचार नहीं हुआ, शिकायत के बाद उससे करीब छह हजार रुपये लेकर कुछ जांच की गई, इसके बाद महिला को दवा देकर टरका दिया गया, उसका ऑपरेशन नहीं किया गया, इसके बाद महिला पिलखुवा स्थित ही दूसरे अस्पताल पहुंची।
यहां भी करीब पांच हजार रुपये लेकर उसकी जांच की गई लेकिन, कोई ऑपरेशन नहीं किया गया और ना ही ऑपरेशन से संबंधित कोई जानकारी दी गई। करीब एक माह पहले पीड़िता नगर के एक निजी अस्पताल पहुंची, जहां भी जांच के नाम पर उससे तीन सौ रुपये लिए गए। ऑपरेशन और उससे संबंधित कोई जानकारी ना देकर उसे वापस घर भेज दिया गया तंग होकर दंपति ने मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उसे फोन कर अस्पताल आने को कहा। पीड़िता की तबीयत अधिक खराब होने, कमर के जोड़ों में परेशानी और रुपयों की तंगी के कारण वह अपने पति के साथ ठेला रिक्शा में बैठकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची।
यहां से उसे एक निजी अस्पताल भेज दिया गया लेकिन, जांच के बाद दवा देकर घर वापस भेज दिया गया है। यहां भी पीड़िता को ऑपरेशन से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई है। शिकायतों के बावजूद पीड़िता का उपचार ना होने के मामले में वनइंडिया ने खबर चलाई जिस पर जिलाधिकारी अदिति सिंह ने सीएमओ को जांच के आदेश दिए हैं। परिजन की ओर से सीएमओ को अस्पतालों द्वारा पीड़िता को दिए गए हजारों रुपये के बिल दिए गए हैं। जिनकी जांच शुरू हो गई है, वहीं, पीड़िता के परिजन ने Oneindia का धन्यवाद किया है।
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