हमीरपुर: CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी, खनन माफिया घर छोड़कर हुए फरार
हमीरपुर। खनन घोटाले के मामले में बुधवार को सीबीआई ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 22 स्थानों पर छापेमारी की है। सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने यूपी के हमीपुर जिले तीन स्थानों पर छापेमारी की। सीबीआई ने राठ कस्बे में मौरंग व्यवसायी राकेश दीक्षित, मदन राजपूत व जगदीश गोहानी के आवासों पर करीब डेढ़ घंटे की छापेमारी की। राठ में तीन टीमों ने एक साथ तीन स्थानों पर छापेमारी की। यहां डेढ़ घण्टे तक चली छापेमारी के बाद टीम जालौन के उरई में रामऔतार लोधी व करन सिंह के यहां छापेमारी के लिए निकल गई। इस दौरान बालू माफिया अपने घर से फरार हो गए।
क्या
है
पूरा
मामला
खनन
घोटाला
समाजवादी
पार्टी
की
सरकार
में
वर्ष
2012
से
2016
के
बीच
हुआ
था।
इलाहाबाद
हाईकोर्ट
के
आदेश
पर
सीबीआई
ने
इस
घोटाले
की
जांच
शुरु
की
थी।
हाईकोर्ट
ने
दो
अलग-अलग
जनहित
याचिकाओं
पर
28
जुलाई
2016
को
अवैध
खनन
की
जांच
के
आदेश
दिए
थे।
जांच
में
सीबीआई
को
साल
2012-16
के
दौरान
हमीरपुर
जिले
में
व्यापक
पैमाने
पर
अवैध
खनन
किए
जाने
के
साक्ष्य
मिले,
जिससे
बड़े
पैमाने
पर
सरकारी
राजस्व
को
क्षति
पहुंची।
इन
लोगों
के
खिलाफ
दर्ज
है
मामला
यूपी
में
अवैध
खनन
के
मामले
में
सीबीआई
11
लोगों
के
खिलाफ
एक
मामला
दर्ज
कर
चुकी
है।
सीबीआई
ने
हमीरपुर
जिले
की
पूर्व
कलेक्टर
और
आईएएस
अधिकारी
बी.
चंद्रकला,
खनिक
आदिल
खान,
भूवैज्ञानिक/खनन
अधिकारी
मोइनुद्दीन,
समाजवादी
पार्टी
(सपा)
के
नेता
रमेश
कुमार
मिश्रा,
उनके
भाई
दिनेश
कुमार
मिश्रा,
राम
आश्रय
प्रजापति,
हमीरपुर
के
खनन
विभाग
के
पूर्व
क्लर्क
संजय
दीक्षित,
उनके
पिता
सत्यदेव
दीक्षित
और
रामअवतार
सिंह
के
नाम
प्राथमिकी
में
शामिल
हैं।
संजय
दीक्षित
ने
2017
विधानसभा
चुनाव
बहुजन
समाज
पार्टी
(बसपा)
के
टिकट
पर
लड़ा
था।