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गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने ​के लिए पति ने 1176 KM तक चलाई स्कूटी, 4 राज्यों से गुजरे, देखें VIDEO

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ग्वालियर। पिछले दिनों मध्य प्रदेश के धार जिले से एक तस्वीर सामने आई कि बेटे को दसवीं की परीक्षा दिलाने के लिए पिता रात भर साइकिल चलाता रहा। 105 किलोमीटर का सफर तय करके वह बेटे के साथ परीक्षा केंद्र पहुंचा। कुछ इसी तरह का एक और मामला मध्य प्रदेश से सामने आया है। इसमें एक पति ने अपनी गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने के लिए 1176 किलोमीटर का सफर स्कूटी से तय कर डाला।

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गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने ​के लिए पति ने 1176 KM तक चलाई स्कूटी, 4 राज्यों से गुजरे
पत्नी को देनी डिलेड द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं

पत्नी को देनी डिलेड द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं

स्कूटी से 1176 का सफर तय करने वाला यह जोड़ा झारखंड के गोड्डा जिले के गांव टोला का रहने वाला है। पति धनंजय कुमार अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम के साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पद्मा कन्या विद्यालय पहुंचे हैं। यहां पर सोनी हेम्बरम के डिलेड (डि.ईएल.ईएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं लगनी हैं।

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 गोड्डा से ग्वालियर तक का सफर

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बता दें कि गोड्डा से ग्वालियर की दूरी 1176 किलोमीटर है। इस सफर को स्कूटी से पूरा करने के लिए धनंजय कुमार व सोनी हेम्बरम को झारखंड के साथ-साथ बिहार और उत्तर प्रदेश राज्य को भी पार करना पड़ा है। बारिश के मौसम के चलते कहीं बीच रास्ते में बरसाती पानी भरा मिला तो कहीं सड़क क्षतिग्रस्त। पहाड़ी रास्तों से भी होकर गुजरना पड़ा।

10 दिन ग्वालियर में रुकेंगे

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धनंजय कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पत्नी की परीक्षाएं 11 सितंबर को सम्पन्न हो जाएंगी। इसके बाद ही वे वापस स्कूटी गोड्डा लौटेंगे। इतना लंबा सफर होने के कारण 11 सितंबर तक वे ग्वालियर में ही रुकेंगे। इसके लिए ग्वालियर के दीनदयाल नगर में 15 सौ रुपए में दस दिन के लिए कमरा किराए पर लिया है।

इसलिए स्कूटी से आए ग्वालियर

इसलिए स्कूटी से आए ग्वालियर

धनंजय के अनुसार पत्नी सोनी छह माह की गर्भवती है। दिसंम्बर में प्रसव होना है। परीक्षा भी जरूरी है। हमने ग्वालियर आने के लिए ट्रेन का टिकट करवाया था, मगर एक दिन पहले ही ट्रेन कैंसिल हो गई। फिर हमने बस से आने की ठानी तो प्रति सवारी का 15 हजार रुपए किराया बताया गया। पति पत्नी का तीस हजार लगते। ऐसे में हमने अपनी स्कूटी से सफर तय करना उचित समझा। 28 अगस्त को गोंडा से चलते थे। तीस अगस्त को ग्वालियर पहुंचे हैं।

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बिहार में करना पड़ा बाढ़ का सामना

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धनंजय के अनुसार एक हजार किलोमीटर से अधिक लंबे इस सफर के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कई बार रास्ते में तेज बारिश में भिगे। एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहना पड़ा। बिहार के भागलपुर से गुजरते समय बाढ़ का भी सामना किया। मुजफ्फरपुर में एक रात लॉज में और लखनऊ में एक रात टोल टैक्स बैरियर पर भी रुके।

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 पत्नी के जेवर रखे गिरवी

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धनंजय ने बताया कि करीब पन्द्रह दिन के इस सफर के लिए उनके पास जमा पूंजी नहीं थी। इसलिए पत्नी के जेवर बेचकर दस हजार रुपए का इंतजाम किया ताकि रास्ते में भोजन कर सकें और स्कूटी में पेट्रोल भरवा सकें। धनंजय कैंटीन में खाना बनाने (बावर्ची) का काम करते थे। लॉकडाउन के चलते तीन माह से बेरोजगार हैं।

 पत्नी को बनाना चाहते हैं शिक्षक

पत्नी को बनाना चाहते हैं शिक्षक

धनंजय खुद 10वीं पास भी नहीं हैं, लेकिन वे अपनी पत्नी को शिक्षक बनाना चाहते हैं। इसीलिए पत्नी फिलहाल डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (डि.ईएल.ईएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दे रही हैं। धनंजय का कहना है कि हर पति-पत्नी की तरह नोंकझोंक व झगड़ा होता है, लेकिन बातचीत करने पर सभी शिकायतें खत्म हो जाती हैं।

प्राथमिक शिक्षक बनने के लिए अनिवार्य है डीएलएड

प्राथमिक शिक्षक (पहली से आठवीं तक) बनने के लिए दो वर्षीय डिलेड पाठ्यक्रम पूरा करना जरूरी है। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) द्वारा डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन की परीक्षाएं एक सितंबर 11 सितंबर तक आयोजित की जा रही हैं। ग्वालियर में कुल 23 केंद्रों में परीक्षा देने के लिए 10 हजार 680 विद्यार्थी पंजीकृत हैं।

क्या कहते हैं गायनोलाजिस्‍ट

मीडिया से बातचीत में ग्‍वालियर के स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की गायनोलाजिस्‍ट ममता शुक्ला ने कहा कि गड्ढे भरे रास्तों पर सफर करने से तेज झटके लगते हैं, ऐसे में समय पूर्व प्रसूति हो सकती है। गर्भवती महिला को स्कूटी पर इतना लंबा सफर करवाना जोखिमपूर्ण है।

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English summary
Husband drive Scooty 1176 KM Godda to Gwalior for exam of pregnant wife
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