ग्वालियर के भाजपाई बोले, शिवराज के गलत फैसले, ऊल-जलूल बयानबाजी से एमपी में डूबी भाजपा
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के चुनावी मतगणना के दौरान दिनभर चले रुझानों और परिणाम आने से पहले तक भाजपा नेताओं को अपनी हार साफ दिखने लगी थी। वे मन ही मन इस हार को स्वीकार भी कर चुके थे। बात यहीं खत्म नहीं हुई, दिनभर चली बयानबाजियों में भाजपा कार्यकर्ता और प्रत्याशियों ने शिवराज सिंह पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान विधानसभा चुनावों में मिली हार का सारा ठीकरा शिवराज सिंह चौहान के सर फोड़ा गया।
शिवराज के काम को भूल गई जनता
किसी ने सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि टिकट वितरण में हुई लापरवाही का परिणाम है कि पंद्रह साल के विकास कार्यों को भी जनता भूल गई। वहीं दूसरी ओर कई नेताओं ने दबी जुबान में अपनी बात रख दी कि ग्वालियर-चंबल में भाजपा की हार के जिम्मेदार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही हैं। यदि शिवराज सिंह माई के लाल वाला बयान नहीं देते तो ऐसी स्थिति कदापि नहीं बनती। उनका यह बयान ही यहां भाजपा को ले डूबा।
तारीफ में कसीदे पढ़ने वालों ने भी जताई आपत्ति
मंगलवार सुबह मतगणना शुरू होने के साथ ही जैसे-जैसे भाजपा पिछड़ती गई वैसे-वैसे भाजपा नेताओं ने बयानबाजी करना भी शुरू कर दिया। हद तो तब हुई जब शिवराज सिंह चौहान की तारीफ में कसीदे पढ़ने वाले भाजपा नेताओं ने उनकी कमियां निकालनी शुरू कर दी। साथ ही चुनाव में मिली हार का पूरा दोष शिवराज पर मढ़ना शुरू कर दिया। भाजपाइयों ने दो टूक शब्दों में कहा कि शिवराज सिंह चौहान के गलत फैसलों, ऊल-जलूल बयानबाजी और टिकट वितरण की गलतियों की वजह से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। विधायकों ने अपने क्षेत्र में जमकर विकास कार्य किए हैं और जनता के बीच पकड़ भी बनाई है लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बयानबाजी ने उन्हें जनता की नजरों में कुसूरवार साबित कर दिया और आखिर जनता ने अपना जवाब दे ही दिया।
विधायकों ने गलत बयानबाजी को लेकर किया था आगाह
भाजपा के एक पूर्व विधायक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर यह बताया कि जिस वक्त शिवराज सिंह चौहान ने कोई माई का लाल आरक्षण नहीं हटा सकता वाला बयान दिया था तभी से भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। विधायक की मानें तो शिवराज सिंह को यह बयान देने के लिए मना किया गया था। बैठक में मौजूद कई विधायकों और मंत्रियों ने शिवराज सिंह चौहान को इस बात को लकेर आगाह किया था कि इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है। बावजूद इसके शिवराज सिंह चौहान ने यह बयान दिया और परिणाम सबके सामने हैं। सिर्फ यही नहीं मंदिरों में पुजारी नियुक्त करने को लेकर भी शिवराज सिंह ने बयान दिया था। हालांकि बाद में उस बयान में संशोधन कर दिया गया था लेकिन इस तरह के बयान ही भाजपा के लिए घातक साबित हुए हैं।
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