दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा तक चलेंगी ट्रेन, केवड़िया में बना रेलवे स्टेशन, सीधे पहुंचेंगे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
Railways to run trains to Statue of Unity, अहमदाबाद. दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी व उससे जुड़े पर्यटन स्थलों को देखने की चाहत रखने वालों के लिए खुशखबरी है। यहां अब ट्रेन से भी पहुंचा जा सकेगा, क्योंकि इंडियन रेलवे ऐसी ही व्यवस्था कर रहा है। रेलवे सूरत शहर से केवड़िया तक रेल लाइन बिछा रहा है। केवडिया को देश के प्रमुख शहरों से रेल के माध्यम से सीधे जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूर दी जा चुकी है। साथ ही केवडिया में वेस्टर्न रेलवे ने स्टेशन बनवा दिया है। यहां से वडोदरा तक 50 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन बिछ गई है। चांदोद से डभोई के बीच लाइन का सीआरएस सर्वे भी किया गया है। अधिकारियों की मानें तो अप्रैल से पहले मुंबई-केवडिया ट्रेन चलाने की योजना है। योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से केवडिया तक ट्रेन चलाई जाएंगी। रीवा से भी केवडिया तक ट्रेनें दौड़ सकेंगी।
देश का पहला ग्रीन बिल्डिंग स्टेशन बनेगा केवडिया
वडोदरा के प्रतापनगर से केवडिया तक मेमू ट्रेनें भी चलाने की स्वीकृति रेलवे बोर्ड द्वारा दे दी गई है। मेमू ट्रेनें हर रोज दौड़ा करेंगी। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और केवड़िया के अन्य पर्यटन स्थलों तक पर्यटकों को पहुंचाने के लिए उपरोक्त ट्रेनें अगले वर्ष से दौड़ सकती हैं। यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में अहमदाबाद से भी केवडिया तक ट्रेनें बढ़ाई जाएंगी। मौजूदा समय में वडोदरा से केवडिया तक जो रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं, यह काम लगभग पूरा हो गया है। जब ट्रेनें चलेंगी तो सैलानी वडोदरा से सीधे ही केवडिया स्टेशन पहुंच सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक, केवडिया रेलवे स्टेशन विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन बनाया जा रहा है। यह देश का पहला ग्रीन बिल्डिंग स्टेशन भी बनेगा।
पर्यटकों के लिए खुली स्टैच्यू ऑफ यूनिटी
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी इन दिनों पर्यटकों के लिए खुली हुई है। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा है। दुनिया की सबसे ऊंची इस प्रतिमा को देखने के लिए टिकट बुकिंग ऑनलाइन की जा सकती हैं। सरदार पटेल ट्रस्ट द्वारा पर्यटन से जुड़ी व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही यहां के होटल और टेंट सिटी ऑपरेटर्स ने भी तैयारियां कर रखी हैं। इसकी देखरेख से लेकर पर्यटकों के लिए व्यवस्थाएं करने की जिम्मेवारी सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की है। बता दें कि, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सोमवार के दिन बंद रहा करेगी। प्रतिमा खुलने का समय सुबह 9 बजे और बंद होने का शाम 5 बजे रखा गया है।
इतने रुपए टिकट के लिए खर्च करने पड़ेंगे
सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय एकता ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि, लोग https://statueofunity.in/ की वेबसाइट http://sardarpatelstatue.in/book-now-2/ पर जाकर टिकट प्राप्त कर सकते हैं। https://www.soutickets.in/ से भी टिकट ले सकते हैं। इस प्रतिमा को देखने के लिए वयस्कों को टिकट के लिए 120+30 (बस किराया) और 3 साल से 15 साल तक के बच्चों को 60 + 30 (बस किराया) रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इस प्रतिमा के टिकट के कीमत में ही फूलों की घाटी भी घूमी जा सकेगी। पटेल की प्रतिमा से कुछ ही दूर 100 से ज्यादा तरह फूल देखे जा सकते हैं। इसके अलावा मेमोरियल, म्यूजियम, ऑडियो विजुअल गैलरी, एसओयू साइट और सरदार सरोवर डैम आदि सभी निहारने के लिए वयस्कों को 350+30 (बस शुल्क), और 3 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों को 200+30 (बस शुल्क) रुपए खर्च करने पड़ेंगे। 3 साल से कम उम्र के बच्चों का कोई टिकट नहीं लगेगा।
अभी कैसे पहुंच सकते हैं आप यहां?
यह विशाल मूर्ति वडोदरा से लगभग 90 किलोमीटर जबकि, गुजरात के सबसे बड़े शहर अहमदाबाद से करीब 200 किमी दूरी पर स्थित है। अगर मुंबई से आना चाहते हैं तो आपको राष्ट्रीय राजमार्ग 48 और राज्य राजमार्ग-64 के जरिए 420 किमी लंबी सड़क यात्रा कर यहां पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप राज्य राजमार्ग 11 और 63 के जरिए भी इस स्थान पर पहुंच सकते हैं। यानी यदि आप किसी बाहरी प्रदेश से स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने जा रहे हैं तो पहले आपको अहमदाबाद या वडोदरा जाना होगा। इन दोनों शहरों तक ट्रेनें चलती हैं। अब तो सी-प्लेन भी शुरु हो गया है। इससे पर्यटकों के लिये स्टैच्यू ऑफ यूनिटी देखने जाने का एक और बहाना मिल गया है। आप सी-प्लेन की सवारी कर सकते हैं और केवड़िया के नए पर्यटन उपक्रमों को भी देख सकते हैं।
ये हैं 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की खासियतें
- यह प्रतिमा दुनिया में सबसे उूंची है, जिसकी उूंचाई 597 फीट है। यह प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है।
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- सरदार पटेल की इस प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग किया गया था। जिसकी वजह से सैकड़ों साल तक इमसें जंग नहीं लग सकती। 2000 टन कांसे का भी उपयोग हुआ है।
12KM इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी
- इसे बनवाने में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर कन्क्रीट लगा था। 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया। इतना ही नहीं, यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब से घिरी है।
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गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं
- इस प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम, विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं। इसके भीतर जो दो हाई-स्पीड लिफ्ट लगाई गई हैं, वे पर्यटकों को सरदार पटेल की मूर्ति के सीने के हिस्से में बनी व्यूइंग गैलरी तक ले जाती हैं। इस गैलरी में एक साथ 200 लोग खड़े रह सकते हैं।
33 महीनों में तैयार की गई
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी 33 महीनों में तैयार की गई, जो एक रिकॉर्ड है। जबकि, चीन के स्प्रिंग टेंपल में बुद्ध की प्रतिमा के निर्माण में 11 साल लगे थे। इस प्रतिमा ने बुद्ध की प्रतिमा का रिकॉर्ड भी ब्रेक कर दिया। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की डिजाइन में इस बात का भी खास ध्यान रखा गया कि सरदार पटेल के हावभाव उसमें हू-ब-हू नजर आएं। इसके लिए पटेल की 2000 से ज्यादा फोटो पर रिसर्च की गई।
लागत 2989 करोड़ रुपए आई
- सरदार पटेल ट्रस्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई थी। इस मूर्ति में 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कन्क्रीट इस्तेमाल किया गया। इसके अलावा इसके लिए देशभर से लोहा मंगवाया गया था। किसानों ने भी धातु दी थीं।