13 दिन में कोरोना को हराने के बाद 35 वर्षीय महिला ने बच्ची को जन्म दिया, जानिए क्या कहा?
दाहोद. गुजरात में दाहोद के जायडस सिविल अस्पताल में एक महिला कोरोना के संक्रमण से मुक्त हुई और फिर बच्ची को जन्म दिया। वह महिला भावनगर से दाहोद लाई गई थी। उसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह भी था। रक्त के थक्के जमने की समस्या के चलते परेशान रहती थी। जिसके चलते जायडस सिविल अस्पताल गई। बाहर से आने के कारण सावधानी के लिए चिकित्सकों ने उसे अपनी कोरोना संबंधी जांच कराने की सलाह दी, तभी 3 जून को उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई।
जिसके चलते महिला को जायडस सिविल अस्पताल में भर्ती कर लिया गया। जानकारी मिलने पर जिला कलक्टर विजय खराडी ने चिकित्सकों को महिला का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना के उपचार के साथ ही गाइनोकोलॉजिस्ट से भी नियमित जांच करवाकर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए। हालांकि, वहां महिला में अन्य कोई लक्षण नहीं दिखाई देने के बावजूद चिकित्सकों की सतर्कता के चलते कोरोना का निदान हो गया। महिला ने 13 दिनों में ही कोरोना का मात दे दी।
उसके बाद महिला को नॉन कोविड-19 अस्पताल में भर्ती किया गया। जहां उसने स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। उस महिला का नाम हदीकाबेन मंसूरी (35 वर्ष) है। बच्ची को जन्म देने के बाद खुशी जताते हुए हदीकाबेन ने कहा कि, चिकित्सकों की तल्लीनता से मैं पूरी तरह ठीक हूं। सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों व स्टाफ ने मेरा अच्छे से उपचार किया। नियमित मेडिकल जांच भी की गई। एक परिवार के सदस्य की भांति ध्यान रखा, यहां स्टाफ सेवा में निरंतर खड़ा रहा।
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वहीं, अस्पताल के चिकित्सक डॉ. मोहित देसाई ने कहा कि, हदीकाबेन का मामला कुछ चुनौतीपूर्ण था। क्योंकि, उसे उच्च रक्तचाप, मधुमेह भी था। अन्य मेडिकल जांच करवाने पर डीडायमर (एक प्रकार की जांच) का स्तर 500 के मुकाबले 10 हजार आया। यानी की कोरोना पॉजिटिव होने के कारण महिला के फेफड़ों में रक्त के थक्के बनने (गंठाने) की समस्या हो रही थी। उूपर से वह गर्भवती भी थी। हालांकि, हम लगातार उसके उपचार में लगे रहे और परिणाम बेहतर आया।