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परिवार से 4 माह दूर रहीं डॉ. निधि को हुआ कोरोना, बोलीं- दुगुने उत्साह से फर्ज नी राह जोऊं छूं

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पाटणं। गुजरात में पाटणं जिले के धारपुर जनरल अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करते वक्त डॉक्टर निधि छैंया खुद संक्रमित हो गईं। वह क्वारंटाइन से लौटकर अब फिर ड्यूटी पर लौटने को तैयार हैं। अपनी वापसी के बारे में उन्होंने कहा- 'बस आ होम क्वारंटाइन नो समय पूरो थवा नी राह जोऊं छुं। पछी फरी थी फरज पर हा​जिर थई बमणा जुस्सा साथे कोरोना पॉजिटिव दर्दियों नी सारवार मां जोड़ाई जईश।'

18 मई को खुद हुई थीं अस्पताल में भर्ती

18 मई को खुद हुई थीं अस्पताल में भर्ती

यानी अब वह दोगुने उत्साह के साथ रोगियों के इलाज को तैयार हैं। बता दें कि, निधि करीब 4 महीने परिवार से दूर रहीं। यहां उन्होंने अस्पताल में एम.बी.बी.एस. का पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद 6 महीने सेजनरल मेडिसिन विभाग में जूनियर रेजिडेन्ट डॉक्टर के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी। अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में कोरोना पॉजिटिव रोगियों के सर्वाधिक संपर्क में आने वाले मेडिकल स्टाफ में से नर्सिंग स्टाफ के अन्य 4 सदस्यों की भांति निधि की जांच रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आ गई थी।

10 दिन में संक्रमण से मुक्त हुईं

10 दिन में संक्रमण से मुक्त हुईं

जिसके चलते मई महीने में बैच के हिसाब से रोटेशन में लगाई गई ड्यूटी के हिसाब से उन्हें 1 से 15 मई तक आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करनी पड़ी। 16 मई को सोर थ्रॉट की समस्या महसूस होने पर उनका टेस्ट हुआ, तो पता चला कि उन्हें कोरोना हो गया है। वह लगातार चार महीनों से परिवार से तो दूर थी हीं, रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के साथ ही उनकी परिवार से मिलने की इच्छा भी पूरी नहीं हो सकी। उन्होंने 18 मई से ट्रीटमेंट लेना शुरू किया।

फिर होम क्वारंटाइन में चली गईं

फिर होम क्वारंटाइन में चली गईं

10 दिन के उपचार के बाद 27 मई को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली। जिसके बाद अपने घर उपलेटा में होम क्वारंटाइन में चली गईं। अब उनका कहना है कि ड्यूटी पर लौटने पर मैं मरीजों को सांत्वना दे सकूंगी कि, मैं तो खुद भी कोरोना को मात दे चुकी हूं तो घबराएं नहीं। मेरी तरह ही आप लोग भी ठीक हो जाएंगे।'

लोगों के लिए दी ये सलाह

लोगों के लिए दी ये सलाह

एक डॉक्टर के तौर पर निधि का कहना है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए कोई टीका नहीं है और किसी दवाई का शोध भी नहीं हो पाया है, इसलिए लोग आयुर्वेदिक काढ़े व अन्य घरेलू उपचार से अपनी इम्यूनिटी बढ़ाएं, ये जरूरी है।'

पिता का अंतिम संस्कार करने के 2 हफ्ते बाद बेटे को मिला मैसेज- उन्हें दूसरे अस्पताल भेजा गया हैपिता का अंतिम संस्कार करने के 2 हफ्ते बाद बेटे को मिला मैसेज- उन्हें दूसरे अस्पताल भेजा गया है

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English summary
gujarat's woman doctor Nidhi Ready To Treat Covid-19 Patients With Double Enthusiasm
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