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VIDEO: विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा 143 साल में पहली बार मंदिर के भीतर ही निकली, देखिए

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अहमदाबाद। कोरोना महामारी के कारण 143 साल में पहली बार ऐसा हुआ कि, जब विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा बिना मंडलियों-झांकियों एवं गिने-चुने लोगों की मौजूदगी में निकली है। इस साल से पहले तक यह यात्रा हजारों लोगों के रेले के साथ आयोजित होती थी। मगर, इस बार अहमदाबाद से केवल प्रतीकात्मक तौर-तरीके से ही निकाली गई। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने श्री जगन्नाथ मंदिर में रथ खींचा। उनके साथ उनके करीबी, पुजारी एवं कुछ अन्य लोग मौजूद रहे।

भक्तों को थर्मल गन से चेकिंग के बाद एंट्री

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संवाददाता ने बताया कि, मंदिर के भीतर निकली जगन्नाथ रथयात्रा के लिए भक्तों को थर्मल गन से चेकिंग के बाद प्रवेश दिया। ऐसा भी पहली बार ही हुआ है। दरअसल, कोरोना से गुजरात में कोहराम मचा हुआ है, विकट स्थिति को देखते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका रद्द कर दी। उस याचिका में रथ यात्रा निकाले जाने को लेकर अनुमति मांगी गई थी।

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भव्य उत्सव के बिना ऐसी नजर आई रथयात्रा

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अंतत: हुआ ये कि, हाईकोर्ट ने देर रात सुनाए एक फैसले में रथ यात्रा पर रोक लगाने के अपने पूर्व आदेश को बदलने से मना कर दिया और परिसर के अंदर बिना भव्य जुलूस के एक प्रतीकात्मक यात्रा निकालने को कहा। जिसके बाद सरकार ने अहमदाबाद के जमालपुर क्षेत्र में भगवान जगन्नाथ मंदिर परिसर में ही भव्य उत्सव के बिना एक प्रतीकात्मक यात्रा शुरू करवाई।

आज क्या बोले गुजरात के मुख्यमंत्री रूपाणी?

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भगवान जगन्नाथ द्वारा बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ यात्रा शुरू करने से पहले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने आज सुबह सोने की झाड़ू से सड़क साफ करने की पारम्परिक रस्म 'पाहिंद विधि' पूरी की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा- 'मैं मंदिर के ट्रस्टी और महंत को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मंदिर परिसर के अंदर ही रथयात्रा करने का फैसला लिया है।'

सोने के झाड़ू से झाड़ू लगाकर रथ खींचा

एक पुजारी बोले- 'आज प्रतीकात्मक रथयात्रा में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोने के झाड़ू से झाड़ू लगाकर रथ खींचा, इससे पहले वो आरती में भी शामिल हुए।' मुख्यमंत्री पहली बार ऐसे नजर आए।

काशी में भी टूटी 218 साल पुरानी परंपरा

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सिर्फ अहमदाबाद ही नहीं, काशी में भी इस बार रथयात्रा नहीं निकलने दी गई। कोरोना संक्रमण के कारण भगवान का नगर भ्रमण और यात्रा को स्थगित कर दिया गया। सन् 1802 से काशी में रथयात्रा मेले का आयोजन होता आ रहा है। मगर, इस बार कोरोना सकंट के कारण ये पंरपरा टूट गई।

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English summary
watch video: Symbolic ‘Rath Yatra’ at Lord Jagannath temple, For the first time in 143 years | Ahmedabad news today
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