Video: गुजरात में CM बदलने की खबर चलाने पर संपादक पर राजद्रोह का केस, हार्दिक-वाघेला ने किया विरोध
अहमदाबाद। गुजरात में मुख्यमंत्री को बदलने की खबर छापने पर एक समाचार पोर्टल के संपादक के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। इस पर सत्ताधारी भाजपा के विरोधी नेता पुलिसिया कार्रवाई से नाराज हो गए हैं। कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल, शक्तिसिंह एवं शंकरसिंह वाघेला ने विरोध जताया है। वाघेला ने कहा कि, जो हुआ ठीक नहीं हुआ। इससे अभिव्यक्ति की आजादी पर असर पड़ा है।
7 मई को छापा था यह समाचार
संवाददाता के अनुसार, 'फेस ऑफ नेशन' के मालिक और संपादक धवल पटेल ने कथित तौर पर 7 मई को एक समाचार लिखा। जिसका शीर्षक था- ‘मनसुख मांडविया को हाई कमांड का बुलावा, गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना'। मांडविया केंद्रीय मंत्री और गुजरात से राज्यसभा सांसद है। खबर में उल्लेख किया गया है कि गुजरात में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं और गुजरात के मुख्यमंत्री की ‘विफलता' का नई दिल्ली ने संज्ञान लिया है। मांडविया को भाजपा आलाकमान ने बुलाया था, जिसके कारण राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें चल रही हैं।
अहमदाबाद डिटेक्शन टीम ने संपादक को पकड़ा
डीसीबी अहमदाबाद के सहायक आयुक्त बीवी गोहिल ने कहा, ‘वेब पोर्टल पर एक संदेश के माध्यम से राज्य और समाज में अशांति पैदा करने का प्रयास किया गया। अपराध शाखा द्वारा प्रारंभिक जांच की गई और उसके बाद संपादक पर मामला दर्ज कर उसे हिरासत में लिया गया है। धवल पटेल को अहमदाबाद स्थित उनके आवास से क्राइम ब्रांच अहमदाबाद डिटेक्शन टीम ने हिरासत में लिया है। और उनके खिलाफ धारा 124 ए (राजद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा-54 (झूठी चेतावनी के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
विरोधी नेता सरकार के विरोध में उतरे
हालांकि, पत्रकार के खिलाफ भाजपा सरकार द्वारा की गई कार्रवाई की कांग्रेस के दिग्गज नेता हार्दिक पटेल और शक्तिसिंह गोहिल ने कड़ी आलोचना की है और शक्तिसिंह ने तो सवाल उठाया है कि, अगर भाजपा सरकार के नेतृत्व की आलोचना अपराध है तो भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज किया जा रहा है? इसके लिए उन्होंने स्वामी के ट्वीट का हवाला दिया है। जिसमें उन्होंने गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन को जरूरी बताया था।
यह बोले हार्दिक पटेल
इधर, हार्दिक पटेल ने भी ट्वीट कर राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। हार्दिक ने कहा है कि, ‘गुजरात सरकार ने स्वतंत्र न्यूज़ वेब पोर्टल चलाने वाले धवल पटेल पर राजद्रोह का मामला दर्ज किया हैं। सच बोलने वाले व्यक्ति पर राजद्रोह जैसे गम्भीर मुक़दमे दर्ज कर सरकार आम लोगों को डरा रही हैं। न्यूज़ चैनल सरकार के कंट्रोल में रहे तो मालामाल नहीं तो जेल। लेकिन हम डरेंगे नहीं।‘
शंकरसिंह वाघेला ने भी दी प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता शंकरसिंह वाघेला ने भी मामले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘संपादक द्वारा समाचार प्रकाशित करने से मुख्यमंत्री बदल नहीं जाएंगे। पत्रकार लोगों तक समाचार पहुंचाने का काम करते है। उनके ऊपर क्रिमिनल एक्ट के तहत कार्रवाई करना सही नही है। अगर किसी भी समाचार में कोई गलती हो तो राज्य सरकार को उसकी स्पष्टता करनी चाहिए। साथ ही धवल पटेल के ऊपर लगाए गए आरोप हटाकर उसे मुक्त करने की अपील भी उन्होंने की है।
पुलिस ने 11 मई को यह जानकारी दी
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया कि, उक्त पोर्टल ने कथित तौर पर अपने पोर्टल पर खबर चलाई थी कि बीजेपी आलाकमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की जगह पर केंद्रीय मंत्री मंसुख मंडाविया को मुख्यमंत्री बना सकता है। पुलिस ने 11 मई को यह जानकारी दी थी। इस मामले पर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने ‘फेस ऑफ नेशन ‘ समाचार पोर्टल के संपादक धवल पटेल के खिलाफ शुक्रवार को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 124-ए (राजद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। अब इस पर बवाल मचा हुआ है। जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने ट्वीट कर कहा- ''किसी भी चीज के लिए राजद्रोह! कोई नियम कानून नहीं।''
गुजरात : न्यूज पोर्टल संपादक पे राजद्रोह का आरोप, शंकरसिंह ने जताया विरोध pic.twitter.com/ABQvv0OvXW
— kulin parekh (@kulinparekh) May 12, 2020