VIDEO: बारिश से बचने जंगल के बाहर खुले में चले आए एक साथ 14 शेर, ऐसे करने लगे ताकझांक
गीर सोमनाथ। इन दिनों सौराष्ट्र सहित गुजरात के ज्यादातर हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। मानसूनी वर्षा से एशियाई शेरों (Asiatic lion) के लिए प्रसिद्ध गीर के जंगल भी तर-बतर हो रहे हैं। ऐसे में बारिश जब मूसलाधार हो जाती है तो जंगली जीव-जंतु तितर-बितर होने लगते हैं। राजा (शेर) भी उससे बचने के लिए पेड़ों के नीचे छुपने लगते हैं। फिर वे जलभराव वाली जगहों से सूखे व ऊंचे स्थानों पर पहुंचने लगते हैं। यहां शेरों के झुंड का एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें 14 शेर एक साथ नजर आ रहे हैं।
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जंगल के बाहर सूखी जगह पर जुटे 14 शेर
आप देख सकते हैं कि, शेरों का यह झुंड हरे भरे-जंगल के बाहर सूखे स्थान पर आ गया है। यहां वे टहल रहे हैं। शेरों के साथ शेरनियां व शावक भी हैं। कई एशियाटिक शेर आराम करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं। इस बारे में एक फॉरेस्ट ऑफिसर ने बताया कि, बारिश के दौरान मच्छरों और कीड़े-मकौड़ों की बढ़ती तादाद शेरों को खासकर उनके बच्चों (शावक) को काफी परेशान करती है। शावक सो नहीं पाते। कई बार उन्हें जहरीले जंतु या कीट काट भी लेते हैं, जिससे शावक सो नहीं पाते। ऐसे में शेर नई जगह तलाशने लगते हैं।
40 शेरों ने शेत्रुंजी नदी के किनारे डाला डेरा
इन दिनों शेत्रुंजी नदी के किनारे भी करीब 40 शेर डेरा डाले हुए हैं। संवाददाता के अनुसार, गुजरात भर में हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। साथ ही जंगल और सफारी पार्क के जानवर भी खूब भीग रहे हैं। जिसके चलते न सिर्फ गिर जंगलों में बल्कि उसके आसपास के क्षेत्रों में हरियाली छा गई है। निचले इलाकों में पानी भी भर गया है। एक रोज देवलिया सफारी पार्क में वनराज नामक शेर शेरनी के साथ टहल रहा था। तभी बारिश शुरू हो गई। गर्मी से बेचैन वनराज को तब बूंदों से बड़ी तसल्ली मिली। हालांकि, आसमान में बिजली कड़कने के साथ बूंदों की रफ्तार बढ़ने लगी तो उससे बचने के लिए शेर-शेरनी ने इंसानों की तरह पेड़ों की शरण ली।
शेरों की संख्या में 29 फीसदी का इजाफा हुआ
बताया जा रहा है कि, एशियाई शेरों के लिए प्रसिद्ध गीर के जंगलाें में शेरों की तादाद काफी बढ़ गई है। बीते 5 साल बाद शेरों की संख्या में 29 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में यहां 523 शेर थे, जो 674 हो गए हैं। यह शेरों की आबादी में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। शेरों की गणना यहां हर पांच साल में होती है। गुजरात के वन विभाग द्वारा किए गए ताजा आंकलन में पिछले महीने बताया गया कि, गीर के वन क्षेत्र में अब शेरों से ज्यादा शेरनियां हैं।
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अब शेर-शेरनियां कितने हैं इस जंगल में?
वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 30 साल में यहां शेरों की संख्या ढाई तक गुना बढ़ी है। मगर, इससे भी ज्यादा खुशी की खबर यह है कि, शेरों के मुकाबले शेरनियां ज्यादा पैदा हुईं। अब कुल 674 सिंहों में 161 नर हैं, जबकि मादा 260 हैं। अल्प व्यस्क शेरों की संख्या 94 है, जिनमें 45 नर और 49 मादा हैं। वहीं, शावकों की संख्या 137 है और अचिन्हित लिंग वाले 22 शेर हैं।
शेरों के लिए वनक्षेत्र में भी हुई बढ़ोतरी
शेरों के अलावा, गीर के वन एवं उसके आसपास शेरों के विचरण वाले क्षेत्र में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। नौ जिलों में यह बढ़कर 30,000 वर्ग किमी हो गया है। इससे पहले 2015 में शेरों के पदचिह्न पाए जाने का कुल क्षेत्र पांच जिलों में 22000 वर्ग किमी ही था।