कोरोना: गुजरात हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार अदालती कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई
अहमदाबाद. कोरोना से मचे कोहराम के चलते गुजरात हाईकोर्ट में कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की गई। इस कोर्ट के ऐसा इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ। हाईकोर्ट के चीफजस्टिस विक्रमनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार के दिन वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा जिन केसों पर सुनवाई हुई, ऐसे कुल 4 मामले आए थे। 3 कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंस द्वारा कार्यवाही होने की खबर है। जानकारी के अनुसार, एक केस तो गोधरा कांड के आरोपी की जमानत पर सुनवाई का था।
कुल 4 मामले वीडियो कांन्फ्रेंसिंग द्वारा सुने गए
गोधरा कांड के आरोपी फारुक भाणा ने जमानत की समयावधि बढ़ाने की अर्जी दी थी, जिस पर जस्टिस जे बी पारडीवाला की खंडपीठ ने सुनवाई की। इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिग द्वारा आरोपी के वकील की दलील सुनने के बाद फारुक की जमानत पहली अप्रैल तक बढ़ा दी गई। वहीं, फारुक के अलावा भी हाईकोर्ट के जस्टिस ए.वाय. कांगजे की कोर्ट में 4 मामले वीडियो कांन्फ्रेंसिंग द्वारा सुने गए।
चीफ जस्टिस का जजमेंट भी वीडियो कांफ्रेंस द्वारा
चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने केस के जजमेंट को भी वीडियो कांफ्रेस द्वारा सुनाया गया। हाईकोर्ट में इस तरह का प्रयोग पहली बार किया गया। मालूम हो कि, पिछले दिनों ही हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना की वजह से केवल अर्जेंट मामलों में ही सुनवाई होगी। ऐसे में कोर्ट अर्जेंट केस पर वकीलों के बिना ही टेक्नालॉजी की मदद से सुनवाई कर रही है।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने यह अधिसूचना जारी की थी
राज्य में कोरोना वायरस के संभावित खतरे को देखते हुए गुजरात हाईकोर्ट के जज ने अधिसूचना जारी की थी। नाथ ने कहा था कि, 31 मार्च तक सिर्फ अति आवश्यक मामलों की सुनवाई होगी। अधिसूचना में कहा गया कि मामलों की सूची सामान्य दिनों की तरह डिस्पले होगी और कोर्ट अपने निर्धारित समय 11 बजे बैठेगी। लेकिन इस दौरान सिर्फ वे ही मामले सुनवाई के लिए जाएंगे जिन्हें अति आवश्यक के रूप में लिस्ट किया गया है।
वकीलों की अनुपस्थिति में किसी तरह का विरोधी आदेश नहीं
जज ने कहा था कि, जिन केसों पर सुनवाई होगी, वो लिस्ट खुद कोर्ट के विवेकाधिकार के अधीन होगी। स्वयं दलील करने वालों (पार्टी इन पर्सन) तथा वकीलों की अनुपस्थिति में किसी तरह का विरोधी आदेश जारी नहीं किया जाएगा।
अदालतों में ये सुविधाएं भी हैं कोरोना की वजह से बंद
उच्च न्यायालय ने पिछले ही दिनों यह साफ कर दिया था कि आगामी 31 मार्च तक सिर्फ अर्जेन्ट मैटर के केसेज की सुनवाई की जाएगी। वहीं, यह भी कहा गया कि, गुजरात हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन (जीएचएए) के अध्यक्ष को यह सुनिश्चित करना होगा कि बार लाइब्रेरी, रेफरेन्स लाइब्रेरी, सभी बार रूम और बार कैन्टीन प्रतिदिन दोपहर बाद एक बजे तक बंद हो जाएं।
कोरोना: अब गुजरात हाईकोर्ट में सिर्फ अर्जेंट केसों की होगी सुनवाई, पक्षकारों की भीड़ पर लगेगा अंकुश