हार्दिक पटेल की अगुवाई में हुए आरक्षण आंदोलन पर राजद्रोह केस के 4 साल बाद शुरू हुई कानूनी कार्रवाई
आणंद. गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के समय दर्ज किए गए राजद्राेह केस की कानूनी कार्रवाई 4 साल बाद अब शुरू हो रही है। यहां गृह विभाग के उप सचिव ने सेशंस कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा है। कोर्ट में उप सचिव का बयान दर्ज होने के उपरांत एडिशनल सेशंस जज बी जे गणात्रा ने आगे की सुनवाई 17 जनवरी को रखने का निर्देश दिया है।
गौरतलब है कि, वर्ष 2015 में हुए इस आंदोलन में हार्दिक पटेल प्रमुखता से शामिल थे। अब हार्दिक पटेल कांग्रेस में है और राज्य में सत्ता भाजपा की है, ऐसे में अब हार्दिक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पाटीदार आंदोलन के दौरान हार्दिक पटेल, दिनेश खांभमणिया, चिराग पटेल और केतन पटेल के खिलाफ के दर्ज हुए थे। इन सभी पर क्राइम ब्रांच पुलिस ने राजद्रोह का केस ठोका था। हालांकि, इन आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने में ही 4 साल का समय लग गया। अब बुधवार को सेशंस कोर्ट ने गृहविभाग के उप सचिव का बयान लिया है, तो सुनवाई भी जल्द होगी।
इधर, हार्दिक पटेल प्रदेश की तहसीलों में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख पदाधिकारी एवं चुने हुए प्रतिनिधियों से संवाद में व्यस्त हैं। ट्वीट कर हार्दिक ने कहा कि मैंने खेड़ा, अहमदाबाद के बाद सुरेन्द्रनगर ज़िले के चूड़ा एवं मुड़ी तहसील में कांग्रेस पार्टी के प्रमुख पदाधिकारियों से संवाद किया है। गुजरात के नौजवान मौजूदा सरकार से ग़ुस्सा हैं और हम गुजरात के नौजवानों को मुद्दों के प्रभाव से कांग्रेस में जोड़ने का काम करेंगे।
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