अब अरब सागर में उठे 2 चक्रवात, गुजरात से टकराएगा 'हिका', 120 Km/h होगी रफ्तार !
अहमदाबाद। बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान 'अम्फान' के बाद अब अरब सागर से भी चक्रवात पनप रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग की ओर से अलर्ट किया गया है कि गुजरात पर एक नहीं, बल्कि दो समुद्री तूफानों का खतरा मंडरा रहा है। जिनमें से पहला तूफान 1 से 3 जून के बीच और दूसरा 6 जून तक तटीय इलाकों से टकरा सकता है। 'डिप्रेशन' नामक साइक्लोन अभी ओमान-मस्कत की ओर है, जो 4-5 जून को द्वारका-कंडला को प्रभावित करेगा। द्वारका-ओखा और मोरबी होते हुए उसके गुजरात के उत्तरी हिस्से तक पहुंचने के आसार हैं। इस मर्तबा हवा की रफ्तार 120 किमी/घंटा के आस-पास होगी। ऐसी रफ्तार रही तो गुजरात में भारी तबाही मचेगी।
गुजरात राजस्थान को प्रभावित करेगा चक्रवाती तूफान
Windy.com पोर्टल के अपडेट्स के मुताबिक, अरब सागर में डीप डिप्रेशन के कारण चक्रवात अपना रूट बदल भी सकता है। हालांकि, मौसम विभाग बता चुका है कि यह अभी अरब सागर में ओमान-मस्कत के पास केंद्रित है। 3-4 दिनों में यह गुजरात की ओर तेजी से बढ़ेगा। 4-5 जून को चक्रवात गुजरात में तबाही मचाते हुए राजस्थान की ओर चला जाएगा। गुजरात में इस चक्रवात से सौराष्ट्र, पोरबंदर, जूनागढ़, अमरेली, राजकोट और भावनगर आदि जिलों को नुकसान होने की आशंका जताई जा रही हैं।
मछुआरों से समुद्र में न जाने की अपील
बहरहाल, पोरबंदर के समुद्री तट पर करंट देखने को मिल रहा है। यहां के बंदरगाह में 1 नम्बर का सिगनल लगाया गया है। जिससे यह पता चल रहा है कि, चक्रवात इस तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में मछुआरों से समुद्र में न जाने की अपील की गई है। चक्रवात के मद्देनजर, मौसम विभाग की ओर से पिछले दिनों एडवाइजरी भी जारी की गई थी। जिसमें कहा गया कि, दक्षिण-मध्य गुजरात एवं सौराष्ट्र में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश होगी। आईएमडी ने 28 मई से लेकर 5 दिनों तक के लिए यह चेतावनी दी।
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इसी महीने अम्फान ने मचाई थी तबाही
इसी महीने के मध्य में अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान से दक्षिण-पूर्वी भारत में भारी तबाही मची थी। ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल में सैकड़ों गांव-कस्बे प्रभावित हुए। अकेले बंगाल में 85 लोगों की मौत हुई, जबकि काफी तादाद में लोग जख्मी भी हुए। उसकी भयावहता को देखते हुए बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि ये कोरोना से भी भारी तूफान था, जिसने राज्य को काफी नुकसान पहुंचाया। प्रधानमंत्री मोदी ने हजारों करोड़ का पैकेज आपदा-राहत राशि के तौर पर दिया।
इसलिए पनपते हैं विनाशकारी चक्रवात
चक्रवात दो तरह के होते हैं- एक धरती पर पनपने वाले और दूसरे समुद्र में पनपने वाले। समुद्री चक्रवात बहुत विनाशकारी होते हैं। भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, पृथ्वी के वायुमंडल में जो हवा होती है वो कई तरह के दवाब में आती है तो विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है। हवा हमेशा उच्च दाब से निम्न दाब वाले क्षेत्र की तरफ बहती है। जब हवा गर्म होती है तो हल्की हो जाती है और ऊपर उठने लगती है, इसलिए समुद्र का पानी गर्म होता है। जिससे उस जगह पर निम्न दाब का क्षेत्र बनने लग जाता है, आस-पास मौजूद ठंडी हवा इस निम्न दाब वाले क्षेत्र को भरने के लिए इस तरफ बढ़ने लगती है। पृथ्वी अपनी धुरी पर लट्टू की तरह घूमती रहती है, इस वजह से यह हवा सीधी दिशा में ना आकर घूमने लगती है और चक्कर लगाती हुई उस जगह की ओर आगे बढ़ती है, जहां दवाब कम होता हो। इस स्थिति को चक्रवात कहा जाता है। चक्रवात रफ्तार सामान्यत: 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा होती है। यही तूफान धरती की बसावट को तहस-नहस कर देते हैं।