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VIDEO: गुजरात में शेरों से ज्यादा हुईं शेरनियां, बारिश में भीगे वनराज को लेनी पड़ी पेड़ की शरण

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गीर सोमनाथ। एशियाई शेरों के लिए प्रसिद्ध गीर के जंगलाें में शेरों की तादाद बढ़ी है। 5 साल बाद शेरों की संख्या में 29 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष 2015 में यहां 523 शेर थे, जो 674 हो गए हैं। यह शेरों की आबादी में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। शेरों की गणना यहां हर पांच साल में होती है। गुजरात के वन विभाग द्वारा किए गए ताजा आंकलन में बताया गया है कि, गीर के वन क्षेत्र में अब शेरों से ज्यादा शेरनियां हैं।

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गीर के जंगलों में शेरों से ज्यादा हुईं शेरनियां, बारिश में भीगे 'वनराज' तो शेरनी संग ली पेड़ की शरण
गीर जंगल क्षेत्र में शेरों से ज्यादा शेरनियां

गीर जंगल क्षेत्र में शेरों से ज्यादा शेरनियां

वन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 30 साल में शेरों की संख्या ढाई तक गुना बढ़ी है। मगर, इससे भी ज्यादा खुशी की खबर यह है कि, शेरों के मुकाबले शेरनियां ज्यादा पैदा हुईं। अब कुल 674 सिंहों में 161 नर हैं, जबकि मादा 260 हैं। अल्प व्यस्क शेरों की संख्या 94 है, जिनमें 45 नर और 49 मादा हैं। वहीं, शावकों की संख्या 137 है और अचिन्हित लिंग वाले 22 शेर हैं।

भीगे वनराज ने शेरनी संग ली पेड़ की शरण

भीगे वनराज ने शेरनी संग ली पेड़ की शरण

वन विभाग द्वारा पिछले 7 साल से हर माह पूर्णिमा के दिन किए जाने वाले अवलोकन के दरम्यान शेर-शेरनी की जोड़ी की खूबसूरत तस्वीर भी सामने आई। यहां गीर के देवलिया सफारी पार्क में वनराज नामक शेर शेरनी के साथ टहल रहे थे। तभी बारिश शुरू हो गई। गर्मी से बेचैन वनराज को बूंदों से बड़ी तसल्ली मिली। आसमान में बिजली कड़कने के साथ बूंदों की रफ्तार बढ़ने लगी। तब मूसलाधार बारिश से बचने के लिए शेर-शेरनी ने इंसानों की तरह पेड़ों की शरण ली।

जंगल वाले कई जिलों में हो रही बारिश

जंगल वाले कई जिलों में हो रही बारिश

मौके से दोनों को वनकर्मियों ने कैमरे में कैद कर लिया। कर्मियों ने बताया कि, सौराष्ट्र सहित गुजरात के ज्यादातर हिस्सों में इन दिनों अच्छी बारिश हो रही है। अगर बारिश तेज हो जाती है तो जंगल के राजा भी उससे बचने के लिए पेड़ों के नीचे छुपने लगते हैं। ऐसी बारिश से वनक्षेत्र में भी बढ़ोतरी होती है।

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शेरों के लिए वनक्षेत्र में भी हुई बढ़ोतरी

शेरों के लिए वनक्षेत्र में भी हुई बढ़ोतरी

बहरहाल, गीर के वन एवं उसके आसपास शेरों के विचरण वाले क्षेत्र में 36 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। नौ जिलों में यह बढ़कर 30,000 वर्ग किमी हो गया है। इससे पहले 2015 में शेरों के पदचिह्न पाए जाने का कुल क्षेत्र पांच जिलों में 22000 वर्ग किमी ही था।

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English summary
The number of lioness in Gujarat rose than Asiatic lions; a couple (Vanraj named Lion) took shelter with tree in the rain at Devalia Safari Park in Gir
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