भगोड़े नित्यानंद का अपने देश के बारे में नया दावा, कहा- ‘कैलासा’ के लिए वीजा सर्विस शरू, ऐसे पहुंचें
swami nithyananda island kailasa updates, अहमदाबाद। युवतियों को बंधक बनाने एवं उनके अपहरण के आरोपी विवादास्पद गुरू नित्यानंद स्वामी ने खुद का देश 'कैलासा' बसाने का दावा किया था। अब नित्यानंद ने अपने ताजा बयान में उस 'कैलासा' के लिए वीज़ा सर्विस का ऐलान भी कर दिया है। उसने एक वीडियो में अपने समर्थकों को 'कैलासा' पहुंचने के रास्ते के बारे में बताया है। नित्यानंद वीडियो में यह दावा करते दिख रहा है कि, उसकी खुद की चार्टर्ड फ्लाइट सर्विस है, जिससे लोग 'कैलासा' आ सकेंगे। हालांकि, यहां आने वालों को सिर्फ तीन दिन ही ठहरने दिया जाएगा।
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स्वघोषित देश के बारे में बात करते हुए नित्यानंद बोला कि, ‘कैलासा' आने के लिए लोगों को ऑस्ट्रेलिया से फ्लाइट लेनी होगी। उसने कहा कि, हमारा देश दुनिया का सबसे अच्छा देश है।' नित्यानंद का दावा है कि वीज़ा के तहत इस सफर में लोगों को परम शिव के दर्शन भी कराए जाएंगे। यह वीडियो सामने आने के बाद जांच एजेंसियां कयास लगा रही हैं कि नित्यानंद के ‘कैलासा' की लोकेशन कहीं ऑस्ट्रेलिया के ही पास तो नहीं है। हालांकि, नित्यानंद ने पिछले साल कैरेबियाई देश इक्वाडोर के एक टापू पर अपना देश बसा लेने का दावा किया था। जिसे ही उसने 'कैलासा' नाम दिया था। अब उसका कहना है कि, उस देश के लिए वीज़ा सर्विस शुरू कर दी गई है। इससे पहले नित्यानंद गणेश चतुर्थी पर 'हिंदू रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा' लॉन्च करने का दावा कर चुका है।
अक्टूबर में भाग गया था भारत छोड़कर
मालूम हो कि, पिछले साल इस विवादास्पद गुरू ने ‘कैलासा' के नाम से वेबसाइट भी लॉन्च की थी। जिसकी वेबसाइट के अनुसार यह दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल हिंदू राष्ट्र है। उस देश के राष्ट्रीय पशु, पक्षी, प्रतीक, वृक्ष और फूल के साथ पहले से ही ऋषभ ध्वाजा नामक एक ध्वज भी है। जिसकी तीन आधिकारिक भाषाएं भी हैं- अंग्रेजी, संस्कृत और तमिल। एक खास बात यह भी पता चली है कि,‘कैलासा' की वेबसाइट स्पैनिश संस्करण में भी है, जो महामारी के इस कठिन समय में दुनिया भर के देशों के साथ अपने देश की एकजुटता को व्यक्त करता है।
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पुलिस एवं एजेंसियां नहीं पकड़ सकीं
वहीं, अहमदाबाद एवं बेंगलुरू पुलिस इस बात का पता नहीं लगा सकी हैं कि नित्यानंद रह कहां रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में पुलिस ने यही माना कि, नित्यानंद की लोकेशन इक्वाडोर के पास मिलती है। मगर, इस बारे में पुष्टि नहीं हुई कि उसने अलग देश भी बसा रखा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, नित्यानंद द्वारा कोई देश बसा लेने की बातों में दम नहीं है। हां, उसे वापस भारत लाए जाने के मुद्दे पर सरकार भी चुप्पी साधे हुए है।
तमिलनाडु में हुआ था जन्म
विभिन्न पोर्टल पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, नित्यानंद मूलत: तमिलनाड़ु का निवासी है। यहां उसका जन्म 1978 में तिरुवन्नामलाई नामक स्थान पर हुआ था। बचपन में लोग उसे ए. राजशेखरन कहते थे। जैसे-जैसे बड़ा हुआ वह ढोंग करने लगा। उसने खुद को ‘परमशिव' का अवतार तक कह दिया। कहता था कि मेरे पास तीसरी आंख है और मैं भविष्य भी देख सकता हूं। इसी तरह के दावे कर-करके उसने अपने फॉलोअर्स की अच्छी खासी संख्या कर ली।
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ऐसे-ऐसे आरोप लगे उस पर
नित्यानंद ने देश-विदेश के कई स्थानों पर 'नित्यानंद ध्यानपीतम'की शुरुआत की। अहमदाबाद और बेंगलुरू में आश्रम परिसर बनवाए। जिनमें अनुयायियों से चंदा मांगा जाता था। साथ ही अनुयायियों के लड़के-लड़कियों से काम कराया जाता था। फिर रेप का भी आरोप नित्यानंद पर लगा। जिसके बाद नित्यानंद ने खुद को नपुंसक बता डाला। मगर, जब अहमदाबाद स्थित उसके आश्रम से कई लड़कियां गायब हुईं तो फिर नित्यानंद पर उंगली उठने लगी।
दो बहनें भी घर से भागीं
कुछ समय बाद पता चला कि, वो 2 सगी बहनें भी विदेश पहुंचा दी गई हैं। उसी दौरान नित्यानंद के भी देश से भाग निकलने की कहानी सामने आई। तब से कोर्ट उन्हें पेश होने के लिए कहता रहा है। मगर, किसी ने भी कोई हाजिरी नहीं दी। ऐसा देखा जा रहा है कि, पिछले साल विदेश भाग जाने के बाद से नित्यानंद के सपोर्टर्स उसके वीडियो और स्पीच को सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से बड़े पैमाने पर प्रसारित करते हैं।
Kailasa trip is open now. You can apply for visa. And have a Darshan of Lord Shiva physically. 👺 pic.twitter.com/ywGH2qpypi
— Vishweshwar Bhat (@VishweshwarBhat) December 17, 2020