दुनिया छोड़ते हुए भी 5 लोगों को नई जिंदगी दे गया केवल पटेल, कोरोनाकाल में पहली बार PPE किट के साथ ट्रांसप्लांट
सुरेन्द्रनगर। गुजरात में सुरेन्द्रनगर का रहने वाला एक 19 वर्षीय लड़का पिछले दिनों सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था। हॉस्पिटल में उसका इलाज चला, लेकिन बच नहीं सका। ब्रेन डेड हो गया। तब डॉक्टर्स ने उसके घरवालों से बात की। घरवाले उसके अंगदान को सहमत हुए। जिसके बाद उस लड़के के अंग अलग-अलग 5 लोगों को बचाने में इस्तेमाल किए गए।
उक्त लड़के का नाम था- केवल पटेल। खुद दुनिया से जाते-जाते वह पांच लोगों को नई जिंदगी दे गया। केवल की 2 किडनी, लीवर, पेनक्रियाज एवं हर्ट दूसरों में फिट कर दी गईं। इस दौरान अहमदाबाद के सिम्स अस्पताल में केवल का हृदय सूरत निवासी 22 वर्षीय एक युवक में ट्रांसप्लांट किया गया।
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डॉक्टर्स ने बताया कि, यहां कोरोनाकाल में पहली बार पीपीई किट पहनकर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया पूरी की गई। खास बात यह रही कि, केवल नाम का जो लड़का था, उसके अंगों को डोनेट करने में परिवार ने जरा भी संकोच नहीं किया। केवल सुरेन्द्रनगर में दो बहनों के बीच अकेले भाई था। वह सड़क दुर्घटना में पिछले दिनों गंभीर रूप से घायल हो गया था। अचेत अवस्था में उसे हॉस्पिटल लाया गया था।
केवल पटेल की ब्रेन डेड हुई। परिजनों की अनुमति के पश्चात् उसका हृदय एक ऐसे युवक में फिट किया गया, जो कि वर्षों से हृदय रोग से पीडि़त था। उसके अलावा केवल पटेल की दो किडनी, लीवर, पेनक्रियाज भी जरूरतमंद लोगों के काम आईं। इस मौके पर सिम्स अस्पताल के मुख्य ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. धीरेन शाह ने बताया कि देश और गुजरात में यह पहली बार है, जब पीपीई किट पहनकर कोरोना काल में हृदय का ट्रांसप्लांट किया गया हो।
डॉ. धीरेन शाह आगे बोले कि, सिम्स अस्पताल में यह 11वां हृदय ट्रांसप्लांट था। वैसे गुजरात में सिम्स अस्पताल ही ऐसा माना हुआ हॉस्पिटल है, जहां हृदय ट्रांसप्लांट किए जाते हैं।