'पुलिस की वर्दी तुम्हारे बाप की गुलामी के लिए नहीं पहनी', मंत्री के बेटे को ये जवाब देने वाली कॉन्स्टेबल का हुआ ट्रांसफर
सूरत। गुजरात के स्वास्थ्य राज्यमंत्री कानाणी के बेटे संग सूरत में हुए विवाद के बाद कॉन्स्टेबल सुनीता यादव का ट्रांसफर कर दिया गया है। यह जानकारी सुनीता ने अपने ट्विटर अकाउंट पर दी। सुनीता ने कहा कि, ''शनिवार शाम को हुए विवाद के बाद मैं रविवार शाम पुलिस हेटक्वॉर्टर पहुंची। मेरे साथ गलत हो रहा है, यह बात मैंने सीनियर को कही। जिसके बाद मुझे मेरे सीनियर ने छुट्टी पर घर भेज दिया। जब मैंने इस्तीफा दिया तो मेरा इस्तीफा भी नामंजूर कर दिया। अब मेरा उस वराछा क्षेत्र से ट्रांसफर कर रहे हैं। यह ट्रांसफर होना मतलब तौहीन होना.. मगर मंत्री के बेटे की मन की होना तो मुझे मंजूर नहीं।'
आहत महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव का बयान
खुद के साथ हुए दुर्व्यवहार पर अपने विभाग से सहयोग ना मिलने से सुनीता ने पुलिस सिस्टम को भ्रष्ट और नेताओं का गुलाम बताया है। सुनीता ने अपने ट्विटर पर लिखा- 'मैं सरकार की नौकरी करती हूं। किसी के बाप की नहीं, वह और ही लोग होंगे, जो नेता और मंत्रियों की गुलामी करते हैं। हमने अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करके नौकरी की है और भारत माता की शपथ ली है, इस वर्दी की खातिर। मैं माफी मांगूगी? अरे किस की माफी? कभी नहीं।'
क्या हुआ था शनिवार की शाम, जानिए
घटना शुक्रवार रात करीब 10 बजे की है। सूरत के वराछा में कोरोना वायरस की चलते कर्फ्यू लगा था। इसी दौरान वहां तैनात कॉन्स्टेबल सुनीता यादव ने बिना मास्क के घूम रहे कुछ लड़कों को रोक लिया और कर्फ्यू के प्रोटोकॉल के उल्लंघन में उनसे पूछताछ की। तब पकड़े गए लोगों ने अपने दोस्त (मंत्री के बेटे) को फोन किया। जिसके बाद स्वास्थ्य राज्यमंत्री किशोर कानाणी का बेटा प्रकाश कानाणी कार लेकर दोस्तों को छुड़ाने आ गया। वो जिस कार से आया था, उसमें विधायक का बोर्ड लगा था। वहीं प्रकाश कानाणी सुनीता से बहस करने लगा।
ऐसे हुई मंत्री के बेटे और कॉन्स्टेबल में बहस
प्रकाश
और
उसके
दोस्तों
ने
सुनीता
को
देख
लेने
की
धमकी
दी।
सुनीता
से
बोले
कि
तुम्हारी
मां
व
बहन
के
साथ
यहां
365
दिन
खडा
करा
देंगे।
इस
पर
सुनीता
ने
कहा
कि
'तुम्हारी
दासी
या
तुम्हारे
पापा
की
सेवक
नहीं
हूं
जो
365
दिनों
के
लिए
यहीं
पर
मुझे
तैनात
करवा
दें।'
सुनीता
ने
यह
भी
कहा
कि,
'ये
पुलिस
की
वर्दी
तुम्हारे
बाप
की
गुलामी
के
लिए
नहीं
पहनी।'
इस
घटना
के
बाद
सुनीता
ने
अपने
शीर्ष
अधिकारियों
से
बातचीत
की।
जहां
अधिकारियों
ने
मामले
को
रफा-दफा
करने
और
घटनास्थल
से
जाने
को
कहा।
फिर
घटना
के
ऑडियो
सोशल
मीडिया
में
वायरल
होने
के
बाद
सूरत
पुलिस
आयुक्त
आर.
बी.
ब्रम्हभट्ट
ने
उपायुक्त
स्तर
के
अधिकारी
को
जांच
के
आदेश
दे
दिए।
बेटे से झगड़े के बाद मंत्री ने कॉन्स्टेबल को कही यह बात
उस
बीच
सुनीता
उन
युवकों
को
समझाती
दिखी।
उन्होंने
घटना
की
जानकारी
मंत्री
को
फोन
पर
भी
दी।
तो
मंत्री
बोले,
'बेटा
है
मेरा
कार
लेकर
जा
सकता
है।'
इस
पर
कॉन्स्टेबल
सुनीता
ने
पूछा
कि
'क्या
अगर
कार
पर
एमएलए
भी
लिखा
हो
तो
वो
उस
गाड़ी
से
घूम
सकता
है।
इसके
बाद
मंत्री
ने
कहा
जो
कानूनी
तौर
पर
होता
है
वो
आप
करें।'
इस
सबके
बाद
कॉन्स्टेबल
सुनीता
को
पुलिस
हेटक्वॉर्टर
बुलाया
गया।
वहां
से
लौटने
के
बाद
से
वह
अपने
ट्विटर
पर
ट्वीट
करने
लगीं।
उनका
ऑडियो
वायरल
होने
के
बाद
से
पुलिस
महकमें,
राजनीतिक
गलियारे
से
लेकर
सोशल
मीडिया
पर
भी
उनकी
चर्चा
हो
रही
है।