Surat ONGC Fire: घंटों बाद इस तकनीक से काबू हुई भीषण आग, 10 KM दूर से दिख रही थी, 3 लापता
सूरत। गुरुवार को गुजरात में सूरत के हजीरा स्थित ओएनजीसी टर्मिनल पर भीषण अग्निकांड हुआ। उस दौरान प्लांट में तीन-तीन धमाके हुए, जिससे आस-पास के इलाकों में दहशत फैल गई। आग की लपटें और धुंआ 10 किलोमीटर दूर से भी दिखाई देने लगीं। यह हादसा सुबह-सबेरे हुआ था, जिसकी तीव्र आवाज से सोते हुए लोग जाग गए थे।
संवाददाता ने बताया कि, मौके पर आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की गाड़ियों की लाइन लग गई। कुछ घंटों बाद पता चला कि तीन लापता हैं। जिनमें एक सिक्योरटी गार्ड व दो अन्य कर्मी शामिल थे। उनका पता नहीं चल सका। आग को बुझाने में करीब 4 घंटे का वक्त लगा। यह आग इसलिए काबू हो पाई, क्योंकि वहां ऐसे हादसों से निपटने के लिए प्लांट के मेन गेट के पास ही एक चिमनी पहले से बनाई गई थी। जो प्लांट के मुख्य टर्मिनल से करीब 3 किमी की दूरी पर है।
इसी चिमनी का उपयोग इमरजेंसी में गैस निकालकर हवा में ही गैस को जलाकर नष्ट करने के लिए किया जाता है। इससे प्लांट में भरी गैस बाहर निकल जाने के कारण प्लांट में आग नहीं फैल पाती। वहीं, गैस निकालने के बाद उसे हवा में ही जला दिया जाता है, जिससे गैस वातावरण में भी न फैले। आज सुबह जब आग लगी तो इसी चिमनी की मदद ली गई।
यह आग मुंबई से सूरत आने वाली गैस पाइप के टर्मिनल में लगी थी। जिसे काबू करने के लिए वॉल्व बंद किया गया था, जिससे गैस की सप्लाई रुक गई और भीषण हादसा टल गया। साथ ही जहां आग लगी थी, वहां चिमनी का उपयोग कर प्रेशर से गैस निकाल दी गई थी। इसी के चलते आग की लपटें 25-30 फीट ऊंचाई तक दिखाईं दीं। लेकिन इसी तकनीक के इस्तेमाल से आग बढ़ने से रोकने के साथ बड़ा हादसा टल गया।
इस हादसे को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंतित हो उठे थे। मोदी ने नवसारी के सांसद और गुजरात भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीआर पाटिल से फोन पर बात की थी। तत्काल जरूरी कदम उठाने के निर्देश भी दिए थे। सूरत के डीएम धवल पटेल का कहना है कि प्लांट में लगी आग फिलहाल ऑन साइट इमरजेंसी की स्थिति में है। ऑफ साइट इमरजेंसी नहीं होने के कारण आसपास के लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आग पर अब पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया है।
बता दें कि, यह पूरा प्लांट सूरत के पास स्थित हजीरा इंडस्ट्रियल एरिया में करीब 19 किमी एरिया में फैला है। ओनजीसी कंपनी द्वारा एलपीजी, नेप्था, एसकेओ, एटीएफ और एचएसडीएन प्रोपेन गैसें बनाई जाती हैं। बहरहाल हादसे के बाद से वहां प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और आग लगने के कारणों का पता लगा रहे हैं। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए मगदल्ला चौक से इच्छापुर तक का यातायात रोक दिया गया है। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि, प्लांट के तीन कर्मचारी लापता हैं। जिनमें एक सिक्योरिटी गार्ड, एक श्रमिक और एक लाइनमैन हैं।