मंत्री और बेटे को ट्रैफिक-कायदे के पाठ पढ़ा चुकीं सुनीता ने भी तोड़े नियम, एक भी बार जुर्माना नहीं भरा
सूरत। गुजरात में सूरत के वराछा क्षेत्र में स्वास्थ्य राज्यमंत्री कानाणी के बेटे प्रकाश कानाणी के साथ हुए विवाद के बाद से महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव सुर्खियों में हैं। सोशल मीडिया पर ज्यादातर लोग सुनीता की तारीफ कर रहे हैं, वहीं अब सुनीता की भी कुछ बातें ऐसी सामने आ रही हैं, जिनसे उस पर सवाल उठने लगे हैं। बीते शुक्रवार से जहां वह मंत्री व उसके बेटे को कानून-कायदे का पाठ पढ़ाते दिखीं, वहीं सुनीता खुद भी नियम भंग करती रही हैं।
स्कूटी से पांच बार नियम तोड़े, जुर्माना नहीं भरा
परिवहन विभाग के ऑनलाइन एप्लीकेशन के अनुसार, अब तक सुनीता यादव की टू व्हीलर से 5 बार ट्रैफिक नियम टूटे। मगर, सुनीता ने एक भी बार जुर्माना नहीं भरा। सूरत पुलिस की ओर से उन्हें मेमो भेजा गया, जिसका उन्होंने रिस्पॉन्स नहीं दिया। अब वेबसाइट पर सुनीता द्वारा नियम भंग किए जाने की जानकारी पब्लिक डोमेन में है।
स्कूटी का न तो पीयूसी है और न ही बीमा करवाया
एक अधिकारी ने कहा कि, सुनीता यादव के नाम पर रजिस्टर्ड स्कूटी जीजे-5 एनजी 7344 का न तो पीयूसी है और न ही बीमा करवाया गया है। यह एप्लिकेशन में फीड जानकारी सही है तो खुद सुनीता ने सरकारी आदेश का उल्लंघन करते हुए कई बार नियमों को तोड़ा है। एक ही स्कूटी से वो पांच बार नियम तोड़ चुकी हैं, लेकिन एक बार भी उन्होंने जुर्माना नहीं भरा।
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सुनीता यादव का फिर एक नया शिगूफा
खुद को निर्दोष बताते हुए सुनीता यादव आए रोज अपने फेसबुक अकाउंट पर विवाद से जुड़ा कुछ न कुछ पोस्ट कर रही हैं। कल उन्होंने कहा था कि,'मंत्री के बेटे से विवाद निपटाने के लिए मुझे 50 लाख का ऑफर मिला। इस पर उनसे ऑफर देने वाले का नाम पूछा गया तो कुछ नहीं बता पाईं। वहीं, अब सुनीता बोल रही हैं कि, मैं पत्रकार बनना चाहती हूं। यह बात सुनीता ने तब कही, जबकि वो मीडिया पर झूठ फैलाने का आरोप लगाती रही हैं।
कहा- पत्रकार बनूंगी, पहले IPS की इच्छा जताई थी
मालूम हो कि, प्रकाश कानाणी के साथ हुए विवाद के बाद सुनीता यादव ने कहा था कि, पुलिस के अफसर भ्रष्ट हो चले हैं और नेताओं की गुलामी कर रहे हैं। पुलिस कमिश्नर से मुलाकात के दौरान सुनीता ने खुद नौकरी छोड़ने के बाद आईपीएस बनने की बात कही थी। वहीं, अब वो खुद पत्रकार बनने की चाहत व्यक्त कर रही हैं। एक निजी चैनल से बात करते हुए उन्होंने यह बात कही।
मेरा टाइम खराब चल रहा है, मंत्री की गलती नहीं
इससे पहले एलआर सुनीता यादव ने कहा- ''मेरा टाइम खराब चल रहा है। जो हुआ उसमें मंत्री की कोई गलती नहीं है। उसके बेटे ने जो किया, इस बारे में अभी केवल 10 पर्सेंट ही लोग जानते हैं। अभी तो 90 पर्सेंट लोगों के सामने आना बाकी है। मैं अपना इस्तीफा मंजूरी करने की प्रोसेस पूरी होने के बाद इस बारे में आपको बताऊंगी।''
मैं लेडी सिंघम नहीं हूं, लोग कहते हैं
खुद को लेडी सिंघम कहे जाने पर सुनीता बोलीं कि, 'मैं लेडी सिंघम नहीं हूं। मैं एक आम एलआर अधिकारी (लोक रक्षक दल) हूं। उस रोज मैंने सिर्फ अपनी ड्यूटी निभाई। लोगों ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि ज्यादातर पुलिसकर्मी ऐसा नहीं कर पाते हैं। मगर अच्छा लगता है, जब लोग ऐसा कहते हैं।'
साथी न होता तो दिल्ली-सा निर्भया-कांड हो जाता
बीते दिनों सुनीता ने फेसबुक लाइव कर चौंका डाला। बोलीं- "शुक्रवार की रात करीब 10 बजे सूरत के वराछा में कोरोना वायरस की चलते कर्फ्यू लगा था। मैं कर्फ्यू नियमों का पालन कराने के लिए वहां पर ड्यूटी कर रही थी। तभी बिना मास्क के घूम रहे कुछ लड़कों को रोक लिया और कर्फ्यू के प्रोटोकॉल के उल्लंघन में उनसे पूछताछ की। तो उन लोगों ने अपने दोस्त (मंत्री के बेटे) को फोन किया। जिसके बाद स्वास्थ्य राज्यमंत्री किशोर कानाणी का बेटा प्रकाश कानाणी कार लेकर दोस्तों को छुड़ाने आ गया। वो जिस कार से आया था, उसमें विधायक का बोर्ड लगा था। वो सभी मुझसे बदतमीजी करने लगे। गलत इशारे भी किए। तब अगर मेरे साथ अन्य जवान नहीं होते तो मेरे साथ दिल्ली की 'निर्भया' जैसा कांड हो सकता था।"