कॉन्सटेबल सुनीता यादव बोली- मेरे साथ कुछ भी हो सकता है, आज इस्तीफा दूंगी
सूरत। गुजरात में सूरत के वराछा क्षेत्र में स्वास्थ्य राज्यमंत्री कानाणी के बेटे प्रकाश कानाणी के साथ हुए विवाद के बाद से महिला कॉन्स्टेबल सुनीता यादव सुर्खियों में हैं। सुनीता ने अपने फेसबुक अकाउंट पर फिर एक वीडियो पोस्ट करके कहा कि- "मुझे धमकियां मिल रही हैं। दबाव डाला जा रहा है। घटना के बाद से ही गुमनाम फोन आ रहे हैं। घर पर भी अनजान लोग आते हैं। मैं किसी का नाम नहीं ले रही, लेकिन आप समझ सकते हैं कि ये सब क्यों हो रहा है। मेरे साथ कुछ भी हो सकता है।"
आज दूंगी इस्तीफा, ये डरकर नहीं दे रही
सुनीता आगे बोलीं, "मैं जूनियर हूं, चाहती हूं कि अब आईपीएस बनूं। मेरे पास पावर होगी, तो ये लड़ाई लंबी जीत सकूंगी। इस्तीफा देने के लिए मैंने आॅफिसर्स से कहा था। बुधवार को मैं फिर इस्तीफा देने पुलिस आयुक्त के पास जाऊंगी। ये इस्तीफा मैं डर कर नहीं दे रही। अभी लोकरक्षक हूं, ऐसे में आवाज उतनी नहीं उठ पाती।"
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पहले कहा था- बाद में बताऊंगी
इससे हफ्तेभर पहले सुनीता बोली थीं- "मेरा टाइम खराब चल रहा है। जो हुआ उसमें मंत्री की कोई गलती नहीं है। उसके बेटे ने जो किया, इस बारे में अभी केवल 10 पर्सेंट ही लोग जानते हैं। अभी तो 90 पर्सेंट लोगों के सामने आना बाकी है। मैं अपना इस्तीफा मंजूरी करने की प्रोसेस पूरी होने के बाद इस बारे में आपको बताऊंगी।"
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मेरे साथ दिल्ली जैसा निर्भया-कांड हो जाता
सुनीता ने कहा, "शुक्रवार की रात करीब 10 बजे सूरत के वराछा में कोरोना वायरस की चलते कर्फ्यू लगा था। मैं कर्फ्यू नियमों का पालन कराने के लिए वहां पर ड्यूटी कर रही थी। तभी बिना मास्क के घूम रहे कुछ लड़कों को रोक लिया और कर्फ्यू के प्रोटोकॉल के उल्लंघन में उनसे पूछताछ की। तो उन लोगों ने अपने दोस्त (मंत्री के बेटे) को फोन किया। जिसके बाद स्वास्थ्य राज्यमंत्री किशोर कानाणी का बेटा प्रकाश कानाणी कार लेकर दोस्तों को छुड़ाने आ गया। वो जिस कार से आया था, उसमें विधायक का बोर्ड लगा था। वो सभी मुझसे बदतमीजी करने लगे। गलत इशारे भी किए। तब अगर मेरे साथ अन्य जवान नहीं होते तो मेरे साथ दिल्ली की 'निर्भया' जैसा कांड हो सकता था।"