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बच्चे को जन्म देते ही चल बसी कोरोना संक्रमित मां, वो 19 दिनों तक वायरस से जूझा, आखिर मुस्कराया

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सूरत। गुजरात में सूरत सिविल हॉस्पिटल में एक महिला भर्ती कराई गई थी, जिसे कोरोना वायरस का संक्रमण था। हॉस्पिटल में उसने बच्चे को जन्म दिया। नवजात शिशु तो बच गया, लेकिन मां चल बसी। डॉक्टरों ने नवजात की तबियत जांची, तो पाया कि नवजात शिशु भी कोरोना की चपेट में है। डॉक्टरों एवं नर्सेस ने विभिन्न तरीकों से नवजात की देखभाल की। वह क्रिटिकल कंडीशन में था। 19 दिनों तक वह वायरस से जूझा और आखिर में ठीक हो गया।

19 दिन बाद दिखी

19 दिन बाद दिखी "अभय" मुस्कान

नवजात के ठीक होने पर परिजनों को जहां खुशी हो रही थी, वहीं उसकी मां की मौत का उन्हें गम था। डॉक्टरों ने उन्हें सांत्वना दी। नवजात को मुस्कराते देखकर परिजनों के कलेजे को ठंडक मिली। उन्होंने उस बच्चे का नाम "अभय" रखने की सोची। अभय..यानि जिसे भय न हो। जिस बच्चे ने अपने जन्म के समय ही कोरोना के चलते अपनी मां को खो दिया और खुद भी 19 दिनों तक मौत से लड़ा...उसे यह नाम देना शायद परिजनों को फख्र महसूस कराएगा।

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6 मई को अस्पताल लाई गई थी रुचि

6 मई को अस्पताल लाई गई थी रुचि

एक डॉक्टर ने बताया कि, जन्म के बाद से ही नवजात रो नहीं रहा था। उसे नली से दूध पिलाया जा रहा था। वाकई, यह नवजात अभय ही साबित हुआ। मां का नाम रुचि पांचाल (28) था, जो कि मांगरोल इलाके में रहने वाली थीं और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। 6 मई को उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया था। जहां गायनिक वार्ड में रुचि की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

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नहीं बच पाई मां, नवजात को बचाया

नहीं बच पाई मां, नवजात को बचाया

उसके बाद 11 मई को रुचि को ज्यादा तकलीफ होने पर डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने के लिए सीजेरियन डिलीवरी कराई। रुचि की जान तो नहीं बची, पर नवजात की बच गई। उस नवजात को तब से वेंटिलेटर पर रखा गया। चौबीसों घंटे उस पर निगरानी रखी गई। जब वह एकदम स्वस्थ हुआ तो उसके मुस्कान भरी तस्वीर लोगों के सामने थी।

English summary
surat civil hospital coronavirus infected mother gave birth covid-19 positive child, The newborn recovered in 19 days, finally named Abhay
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